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एक एक्सीडेंट ने बदलकर रख दी थी इस सुपरस्टार की जिंदगी, एक्टर नहीं बल्कि बनना चाहते थे डॉक्टर
मुंबई. साउथ फिल्मों के सुपरस्टार अरविंद स्वामी (Arvind Swamy) 51 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 18 जून, 1970 को चेन्नई में हुआ था। साउथ के साथ बॉलीवुड की रोजा और बॉम्बे जैसी फिल्मों में काम करने वाले अरविंद की जिंदगी एक वक्त ऐसा भी आया जब वे फिल्मों से ब्रेक लेकर अपना फैमिली बिजनेस संभालने लगे थे। हालांकि जब वो फिल्मों में वापसी को तैयार थे तभी भयानक एक्सीडेंट हो गया था। इससे उनकी स्पाइन में इंजरी हुई थी और पैर भी पैरालाइज्ड हो गए थे। इस चोट से उबरने में उन्हें काफी वक्त लगा। नीचे पढ़े अरविंद स्वामी की लाइफ से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...
| Published : Jun 18 2021, 01:30 PM IST / Updated: Jun 18 2021, 05:34 PM IST
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एक इंटरव्यू में अरविंद ने बताया था कि 10वीं क्लास के बाद वो डॉक्टर बनना चाहते थे। हालांकि मेरे पिता चाहते थे कि मैं उनका बिजनेस संभालूं। कॉलेज के दिनों में मैं पॉकेट मनी के लिए मॉडलिंग करता था। बाद में मणि रत्नम ने मुझे एक ऐड में देखा और मीटिंग के लिए बुलाया। इसके बाद उन्होंने और संतोष सिवान ने मिलकर मुझे फिल्म और एक्टिंग की बारीकियां सिखाईं। मुझे पहला ब्रेक भी मणि रत्नम ने ही दिया।
अरविंद स्वामी तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों के स्टार हैं, लेकिन हिंदी सिनेमा में भी उन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। 1991 में मणि रत्नम की फिल्म थलपथी से अरविंद ने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद 1992 में वे मधु के साथ फिल्म 'रोजा' में नजर आए।
नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी फिल्म 'रोजा' ने अरविंद के करियर को काफी सहारा मिला। फिल्म तमिल में रिलीज हुई थी, लेकिन इसकी हिंदी डबिंग भी काफी पॉपुलर रही। रोजा के लिए अरविंद को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था।
फिल्म 'रोजा' में मधु और अरविंद की रोमांटिक कैमिस्ट्री सभी को खूब पसंद आई थी। मजेदार बात यह है कि अब 29 साल बाद दोनों स्टार्स एक बार फिर थलाइवी में स्क्रीन शेयर करते नजर आएंगे। मधु फिल्म में एमजीआर की तीसरी पत्नी वीएम जानकी रामचंद्रन का रोल प्ले कर रही है।
फिल्म 'रोजा' में अरविंद और मधु की कास्टिंग को लेकर कुछ दिलचस्प किस्से हैं। फिल्म के लिए दोनों ही मणिरत्नम की पहली पसंद नहीं थे। जब राजीव मेनन ने फिल्म करने से मना कर दिया तो अरविंद को साइन किया गया। वहीं, मधु से पहले ये फिल्म ऐश्वर्या राय को ऑफर हुई थी, जिसे उन्होंने डेट्स की प्रॉब्लम की वजह से काम करने से मना कर दिया था।
वहीं, अरविंद के बॉलीवुड करियर की बात की जाए तो उन्होंने 1998 में फिल्म 'सात रंग के सपने' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। फिल्म में उनके साथ जूही चावला थी। हालांकि, फिल्म कुछ खास नहीं चल पाई।
इसके बाद अरविंद स्वमी, मनीषा कोइराला और काजोल के साथ भी नजर आए। 2016 में वे डियर डैड में भी नजर आए लेकिन बॉलीवुड में उनका करियर खास नहीं चला लेकिन साउथ में उनका जलवा बरकरार है।
अरविंद फिल्म थलाइवी के जरिए हिंदी सिनेमा में वापसी कर रहे हैं। फिल्म में वे एमजीआर के रोल में नजर आएंगे। फिल्म में कंगना रनोट लीड रोल प्ले कर रही है।