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कोयंबटूर दक्षिण सीट: कमल हासन के लिए पहाड़-सी चुनौती हैं वनाथी श्रीनिवासन, जानिए क्यों
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कमल हासन किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वर्ष 2008 में कमल हासन ने ‘मक्कल निधि मय्यम’यानी MNM पार्टी बनाई थी। उनकी पार्टी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में पूरे दमखम के साथ अपनी किस्मत आजमा रही है। कोयंबटूर दक्षिण में 6 अप्रैल को वोटिंग होगी। कोयंबटूर दक्षिण से कांग्रेस नेता मयूरा जयकुमार डीएमके-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए हैं। अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) ने एआईएडीएमके के पूर्व नेता चैलेंजर आर डोरिसामी को मैदान में उतारा है, जो बिजनेसमैन हैं।
2016 का चुनाव एआईएडीएमके के उम्मीदवार अम्मान के. अर्जुनन ने 38.94 प्रतिशत के साथ 59,788 वोट पाकर जीता था। इस बार अन्नाद्रमुक और बीजेपी चुनावी गठबंधन में है, इसलिए श्रीनिवासन की ताकत बढ़ी है। पिछले चुनाव में वनाथी श्रीनिवासन ने 21.57 वोटिंग प्रतिशत के साथ 33,113 वोट हासिल किए थे। वहीं कांग्रेस के मयूरा जयकुमार को 27.60 वोटिंग प्रतिशत पर 42,369 वोट मिले थे। कमल हासन एक लोकप्रिय चेहरा हैं। अगर उन्हें मुस्लिमों से समर्थन मिल जाता है, तो फायदा होगा। यहां 25 प्रतिशत वोट मुसलमानों के हैं। वहीं, दलितों का वोटबैंक 20 प्रतिशत है।
कमल हासन अपनी लोकप्रियता भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। वे लोगों से मिल रहे हैं। ढाबों पर बैठ रहे हैं। ऑटो से घूम रहे हैं। ताकि लोगों के बीच पैठ बनाई जा सके। कमल हासन की पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 3.75 प्रतिशत वोट हासिल किए थे।
तमिलनाडु की राजनीति मुख्य रूप से दो दलों के इर्द-गिर्द घूमती है। DMK और AIADMK ही तमिलनाडु में दखल रखते हैं। इस समय तमिलनाडु में AIADMK की सरकार है। यहां सबसे बड़ी चुनौती एंटी इनकंबेंसी की है। मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी अच्छे से जानते हैं। इस समय AIADMK के पास 124 सीटें हैं। DMK के पास 97, कांग्रेस के पास 7, मुस्लिम लीग के पास 1 और 1 सीट निर्दलीय के पास है। 4 सीटें खाली हैं। ऐसे में कमल हासन की पार्टी तमिलनाडु में अपनी ताकत झोंकना चाहती है।
कमल हासन ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो गृहणियों को घर के कामकाज के लिए भुगतान, सभी घरों को हाई स्पीड इंटरनेट सेवा और किसानों को कृषि आधारित उद्योगों के जरिये उद्यमी बनाया जाएगा। वहीं, गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को समृद्धि रेखा में लाया जाएगा।