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तालिबानियों के खौफ से दूर आलीशान जिंदगी जी रही है राष्ट्रपति की बेटी, 19 साल पहले गई थीं अफगानिस्तान
ट्रेंडिंग डेस्क : एक तरफ अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति अशरफ गनी (ashraf ghani) तालिबान के डर से पहले ही देश छोड़कर दुबई भाग गए है, तो वहीं उनकी बेटी मरियम भी तालिबानियों के खौफ से दूर न्यूयार्क (New york) में चैन से जिंदगी जी रही हैं। हाल ही में मरियम गनी (mariam ghani) को एक दोस्त के साथ शोर-शराबे से दूर न्यूयॉर्क में बेफिक्र होकर टहल देखा गया था। बताया जाता है कि उनका ब्रुकलिन के क्लिंटन हिल के पास एक आलीशान घर भी है। आइए आज हम आपको बताते हैं, किस तरह न्यूयार्क में सालों से हंसी-खुशी जिंदगी काट रही है मरियम गनी और आखिर बार कब उन्होंने अपने देश का रुख किया था...
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अपने देश का मुसीबत में छोड़ एक तरह जहां पिता अरबों रुपये लेकर दुबई (Dubai) भाग गया, तो वहीं बेटी न्यूयार्क में इस हालात से दूर चैन की सांस ले रही हैं। जी हां, बात कर रहे हैं, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की, जो काबुल में तालिबानियों के घुसते से ही दुबई रवाना हो गए।
खबरों के मुताबिक अशरफ गनी हेलीकॉप्टर से 169 मिलियन डॉलर यानी करीब 12 अरब 57 करोड़ रुपये से भी ज्यादा लेकर काबुल से फरार हुए और अब वहां बैठकर अपने देश की हालात देख रहे हैं।
वहीं, अशरफ गनी जिनकी बेटी मेरियम 42 सालों से न्यूयॉर्क में रह रही है उनका जन्म ब्रुकलिन में हुआ और उनकी परवरिश मैरीलैंड में हुई।
मरियम गनी फिलहाल न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन के क्विंटल हिल के पड़ोस में रहती है और पेशे से आर्टिस्ट और फिल्ममेकर हैं। उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और मैनहैटन के स्कूल ऑफ विजुअल आर्ट्स में पढ़ाई की है।
मरियम को किताबों का बहुत शौक है एक इंटरव्यू के दौरान बताया गया था कि उनके घर में जमीन से लेकर छत तक अलमारियां है जिसमें किताबें भरी हुई है।
इतना ही नहीं मरियम के घर में किचन एरिया भी काफी अलग है फ्रिज के ऊपर मोटिवेशनल कोट्स लिखे हुए हैं। उनकी किचन की अलमारी में हरे टमाटर लाइन से रखे रहते हैं। जिन्हें उन्होंने खुद चुना है।
अपने देश की हालत देखने के बाद भी मरियम इस पर कुछ भी टिप्पणी करने से फिलहाल इंकार कर रही है। बता दें कि वह अमेरिका के लोगों को अफगान के अधिकारों के लिए खड़े होने के लिए जागरूक करती हैं।
जब मरियम 24 साल की थी तो वह पहली बार अफगानिस्तान गई थी। 2002 में अफगानिस्तान जाने इसके बाद से वह कभी भी दोबारा वहां नहीं गई।