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इंदौर में पति की मौत हुई तो पत्नी ने चीन से दी अंतिम विदाई, ऐसी है 12 दिनों तक कोरोना से लड़ने की कहानी
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पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था शख्स
कोरोना से मृत शख्स पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। वो 12 दिनों से कोरोना से लड़ाई लड़ रहा था। उसने अपनी अंतिम सांस इंदौर के एक अस्पताल में ली। शख्स के पिता की भी मौत कोरोना की वजह से ही हुई थी, जिसके बाद यहां पर वो अपनी मां की देखभाल के लिए रुका था।
चीन के एक बैंक में कार्यरत था शख्स
मृतक की पहचान मनोज शर्मा से की गई है। वो मध्य प्रदेश के सिवनी से ताल्लुक रखता था और चीन में शेन झेन में बैंक में नौकरी किया करता था। शख्स 3 महीने पहले ही पत्नी और बच्चों के साथ भारत आया था लेकिन उसी दौरान उसके पिता का कोरोना से निधन हो गया था और वो अपनी मां की देखभाल के लिए यहीं पर ही रुका था। वहीं, पत्नी और बच्चे चीन वापस आ गए थे।
12 दिन लड़ी कोरोना से जंग
मां की देखभाल करने के मनोज भी कोरोना की चपेट में ही आ गया था और जब तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी तो उसे इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिन ब दिन हालत बिगड़ने के बाद मनोज ने 12 दिन बाद दुनिया को अलविदा कह दिया।
चीन नहीं भेजा जा सकता था मृतक का शव
इसके बाद चीन में मनोज की पत्नी को इस बात की सूचना दी गई। कोरोना की वजह से हुई मौत के कारण शव को चीन नहीं भेजा जा सकता था और ना ही ऐसी हालत में पत्नी पति के पास आ सकती थी। ऐसे मुश्किल हालात में मनोज की पत्नी ने पति के एक दोस्त को अंतिम संस्कार के लिए संपर्क किया था।
पत्नी ने दोस्त को दी सोचना
दोस्त की मौत की खबर सुनने के बाद दूसरे शख्स ने इंदौर के समाज सेवी संगठन से संपर्क किया। उनकी बात बिजनेसमैन और यंग समाजसेवी यश प्रेरणा पाराशर से हुई है।
दोस्त ने प्रशासन को दी जानकारी
इसके बाद दोस्त यश ने सारी जानकारी एडीएम राजेश राठौर और एडिशनल एसपी प्रशांत चौबे को दी। तो ये सब कुछ सुनने के बाद पुलिस और प्राशसन ने भी मानवता का साथ दिया। उन्होंने फौरन कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मनोज शर्मा का अंतिम संस्कार किया।
पत्नी ने वीडियो कॉल के जरिए दी अंतिम विदाई
पति की इस अंतिम विदाई में शामिल नहीं हो पाई बेबस पत्नी ने वीडियो कॉल के जरिए अंतिम संस्कार किया। मनोज को मुखाग्नि समाज सेवक यश प्रेरणा पाराशर ने दी।