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PAK ने कैद किया था तो US ने छुड़वाया...20 साल बाद देश लौटे अफगानिस्तान के न्यू चीफ मुल्ला बरादर की कहानी
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कौन है मुल्ला बरादर, जिसे पाकिस्तान ने कर लिया था कैद
मुल्ला बरादर का पूरा नाम अब्दुल गनी बरादर है। तालिबान के पहले नेता मोहम्मद उमर ने 'बरादर' उपनाम दिया, जिसका मतलब है भाई। मुल्ला बरादर ने 1996 से 2001 तक तालिबान के शासन में कई बड़े पदों पर काम किया। 2001 में तालिबान सरकार पर अमेरिकी के अटैक के बाद वह पाकिस्तान में चला गया। मुल्ला को साल 2010 में पाकिस्तान ने कैद कर लिया। कैद करने के पीछे वजह ये बताई गई कि वह पाकिस्तान को बताए बिना गुप्त तरीके से अफगान सरकार के साथ शांति समझौते पर चर्चा कर रहा था। अमेरिका के कहने पर उसे 2018 में रिहा कर दिया गया।
मुल्ला अफगानिस्तान में जन्मा दुर्रानी पश्तून है
मुल्ला बरादर का जन्म 1968 में अफगानिस्तान के उरुजगान प्रांत के देह रहवोद जिले के वीतमक गांव में हुआ था। वह सदोजाई जनजाति का दुर्रानी पश्तून है। बचपन में ही उसकी मोहम्मद उमर से अच्छी दोस्ती हो गई थी।
अफगानिस्तान में रक्षा मंत्री रह चुका है मुल्ला
साल 2001 में वह अफगानिस्तान का रक्षा मंत्री था। इसके बाद अमेरिका ने हमला किया तो वह पाकिस्तान भाग गया था। बरादर ने हमेशा अमेरिका के साथ बातचीत को समर्थन किया। यही वजह है कि जब मुल्ला बरादर को पाकिस्तान ने कैद कर लिया था तब अमेरिका के कहने पर रिहा किया।
20 साल बाद फिर से लौटा मुल्ला बरादर
साल 2001 में तालिबान सरकार के गिरने के बाद पहली बार मुल्ला बरादर 17 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान लौटा था। यानी करीब 20 साल बाद। मुल्ला के लौटने के बाद ये बात निकली थी कि अशरफ गनी की सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद वह अफगानिस्तान का राष्ट्रपति बनेगा।
अमेरिका की मुल्ला के साथ ही हुई थी गुप्त बैठक
23 अगस्त 2021 को CIA के निदेशक विलियम जे बर्न्स ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के लिए मुल्ला बरादर से ही गुप्त बैठक की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी बैठक में तय हुआ था कि 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना काबुल छोड़ देगी।
सरकार बनने की खुशी में दीवारों पर नारे-पोस्टर लगना शुरू
अफगानिस्तान में नई सरकार की घोषणा से पहले ही काबुल में पोस्टर और दीवारों पर नारे लिखना शुरू कर दिया गया है। यहां लोगों के हाथों में अफगानिस्तान का झंडा भी दिखा।
तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला बरादर एक नई अफगान सरकार का नेतृत्व करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, तालिबान के फाउंडर मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और साथ ही शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई को भी तालिबान सरकार में अहम पद दिए जाएंगे।
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