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Ramayan में जब मगरमच्छ के साथ हुई थी हनुमान की लड़ाई, 'लक्ष्मण' ने बताया कैसे शूट हुआ था पूरा सीन
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सुनील ने बताया था- सुशैन वैद्य की कुटिया एक मिनिएचर थी, जिसमें उनको क्रोमा के जरिए फिट किया गया था। इसके अलावा जो पहाड़ था वो भी एक मिनिएचर था, जहां पर साधु राक्षस मिलते हैं।
हनुमान और मगरमच्छ की लड़ाई वाले सीन को लेकर उन्होंने मजेदार किस्सा शेयर किया था। उन्होंने बताया था- जब हनुमान जी स्नान करने जाते हैं, तब उनकी लड़ाई मगरमच्छ से होती है। इस सीन में कुछ हिस्से रियल हैं, जैसे कि जब मगरमच्छ तैरता है, लेकिन फाइट सीक्वेंस में फाइबर के बनाए मगरमच्छ का इस्तेमाल किया गया था।
उन्होंने बताया कि इस फाइट सीन के लिए एक मोल्ड तैयार किया गया था। मोल्ड में फाइबर के लिक्विड फॉर्म को डालकर ठोस बनाया गया और फिर इसे मगरमच्छ का शेप दिया गया था।
बता दें कि इससे पहले उन्होंने लक्ष्मण और मेघनाद युद्ध का किस्सा सुनाया था जिसके बाद उनको इंफेक्शन हो गया था। उन्होंने बताया कि इस फाइट सीन में मेघनाद बार-बार गायब हो जाते हैं और लक्ष्मण उन्हें ढूंढ-ढूंढ कर बाण मारते हैं।
सुनील ने लंका में अशोक वाटिका की शूटिंग के दौरान का किस्सा भी शेयर किया था। उन्होंने बताया था कि हनुमान जी जब अशोक वाटिका के उस हिस्से में जाते हैं, जहां फल लगे हुए हैं तो वो किस तरह फल तोड़ रहे हैं और साथ ही पेड़ों को उखाड़ रहे हैं।
सुनील के मुताबिक- उस सीक्वेंस के लिए स्पेशली अलग-अलग फ्रूट्स के पेड़ मंगाए गए थे। क्योंकि एक ही मिट्टी में केला, अमरूद और सेब नहीं हो सकता। इसलिए असली पेड़ मंगाकर उन पर फल लगाए गए थे और उन्हें हनुमान जी तोड़-तोड़कर खाते हैं।
जब हनुमान जी ये सीन कर रहे थे तो उस वक्त लंका के कुछ सैनिक आ जाते हैं और वो उनके गले में रस्सी डाल देते हैं और रस्सी डालकर उन्हें खींचने की कोशिश करते हैं। इस दौरान वो रस्सी बार-बार उनके मुकुट में फंस जाती थी और कई बार तो उनका मुकुट भी गिर गया था।
सुनील लहरी ने बताया था- ये पूरा शॉट क्रोमा में करना था। इस शॉट में हनुमान जी बार-बार ऊपर जाते हैं और नीचे आते हैं। तो ये सब करना रस्सी के साथ में थोड़ा मुश्किल था। इसके लिए फिर एक स्पेशल क्रेन मंगाई गई और क्रेन को भी ब्लू किया गया था। इसके बाद उस पर एक प्लेटफार्म बनाया गया और उस पर दारा सिंह जी को बैठाया गया।
उन्होंने बताया था- दारा सिंह पहलवान थे तो उनका वजन भी अच्छा खासा था। ऐसे में क्रेन के दूसरी साइड में तीन-चार आदमियों को रखा गया ताकि वो पलटे नहीं। इस तरह ऊपर-नीचे करके फिर उस शॉट को पूरा किया गया। आप लोगों ने गौर किया होगा कि हनुमान जी के गले में जो रस्सी बांधी थी वो भी ऊपर-नीचे हो रही है।