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PHOTOS: 21 साल में इतनी बदल गई क्योंकि सास भी कभी बहू थी की 'तुलसी', अब हैं 3 बच्चों की मां
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सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में तुलसी मिहिर वीरानी का रोल करने वाली टीवी एक्ट्रेस स्मृति ईरानी अब पॉलिटिशियन बन चुकी हैं। स्मृति ईरानी ने 16 मार्च, 2001 को पारसी बिजनेसमैन जुबिन ईरानी से शादी की थी। बता दें कि स्मृति ने अपने बर्थडे (23 मार्च) से हफ्तेभर पहले ही जुबिन ईरानी को हमसफर बनाया था।
बता दें कि शादी के बाद स्मृति ईरानी के बेटे जोहर का जन्म 2001 में उस वक्त हुआ था, जब वो सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की शूटिंग कर रही थीं। इसके दो साल बाद 2003 में स्मृति बेटी जोइश की मां बनीं।
स्मृति ईरानी की एक सौतेली बेटी भी है। दरअसल, जुबिन ने स्मृति से पहले मोना ईरानी से शादी की थी। मोना से उन्हें शनेल नाम की बेटी है, जो अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रही है।
पंजाबी पिता और असमिया मां की बेटी स्मृति के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पिता कुरियर कंपनी चलाते थे। स्मृति ने स्कूल की पढ़ाई के बाद करसपोंडेंस से बी-कॉम की पढ़ाई शुरू की, लेकिन पूरी नहीं कर सकी थीं।
पिता की मदद के लिए वह दिल्ली में ब्यूटी प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करने लगीं। इसी दौरान उन्हें किसी ने मुंबई में किस्मत आजमाने की सलाह दी। इसके बाद वो मुंबई आ गईं। यहां 1998 में उन्होंने मिस इंडिया के लिए ऑडिशन दिया और सिलेक्ट हो गईं, लेकिन पिता ने कॉन्टेस्ट में भाग लेने से मना कर दिया।
आखिर में मां ने साथ दिया। मां ने किसी तरह पैसों का इंतजाम करके स्मृति को दिया। स्मृति कॉन्टेस्ट में फाइनल तक पहुंचीं, लेकिन जीत नहीं पाईं। मां को पैसे लौटाने के लिए स्मृति ने नौकरी ढूंढनी शुरू की। जेट एअरवेज में फ्लाइट अटेंडेंट पद के लिए अप्लाई किया, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ। कई मॉडलिंग ऑडिशन में भी रिजेक्ट हुईं। इसके बाद उन्होंने एक प्राइवेट जॉब की।
साल 2000 में स्मृति ने सीरियल 'आतिश' और 'हम हैं कल आज और कल' से छोटे परदे पर एंट्री ली। दोनों ही सीरियल स्टार प्लस पर प्रसारित होते थे। हालांकि, उन्हें पहचान एकता कपूर के शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से मिली।
स्मृति ईरानी बचपन से ही आरएसएस का हिस्सा रही हैं। उनके दादाजी RSS स्वयंसेवक थे और मां जनसंघी। 2003 में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद स्मृति 2004 में महाराष्ट्र यूथ विंग की वाइस-प्रेसिडेंट बनीं।
2004 में स्मृति ईरानी दिल्ली की चांदनी चौक सीट से कांग्रेस के कपिल सिब्बल के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। साल 2010 में स्मृति बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव और महिला विंग की अध्यक्ष बनीं।
साल 2014 में बीजेपी ने उन्हें राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से आम चुनाव में उतारा। इस बार भी वे जीतने में असफल रहीं। इसके बाद 2019 में बीजेपी ने उन्हें एक बार फिर अमेठी से ही लोकसभा का चुनाव लड़ाया और इस बार उन्होंने राहुल गांधी को उनके ही गढ़ में शिकस्त दे दी। स्मृति ईरानी फिलहाल भारत सरकार में कपड़ा मंत्रालय के अलावा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भी संभाल रही हैं।