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सावन का दूसरा मंगलवार 14 जुलाई को, इस दिन करें ये उपाय, हर परेशानी दूर कर सकते हैं हनुमानजी
उज्जैन. 14 जुलाई को श्रावण मास का दूसरा मंगलवार है। मंगलवार को हनुमानजी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। शिवपुराण के अनुसार हनुमानजी भी शिवजी का ही अवतार हैं, इसलिए सावन मास के मंगलवार को यदि हनुमानजी को प्रसन्न करने के विशेष उपाय किए जाएं तो हर परेशानी दूर हो सकती है और हर मनोकामना पूरी हो सकती है। इस दिन ये उपाय करें-
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1. मंगलवार को घर में पारद (एक प्रकार की विशेष धातु) से बनी हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करें। तंत्र शास्त्र के अनुसार, पारद से बनी हनुमान प्रतिमा की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। पारद से निर्मित हनुमान प्रतिमा को घर में रखने से सभी प्रकार के वास्तु दोष अपने आप ही दूर हो जाते हैं। साथ ही, घर का वातावरण भी शुद्ध होता है।
2. मंगलवार को शाम के समय किसी ऐसे मंदिर जाएं, जहां भगवान श्रीराम व हनुमानजी दोनों की ही प्रतिमा हो। वहां जाकर श्रीराम व हनुमानजी की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी के दीपक जलाएं। इसके बाद वहीं भगवान श्रीराम की प्रतिमा के सामने बैठकर हनुमान चालीसा तथा हनुमान प्रतिमा के सामने बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। इस उपाय से भगवान श्रीराम व हनुमानजी दोनों की ही कृपा आपको प्राप्त होगी।
3. मंगलवार को सुबह स्नान आदि करने के बाद बड़ के पेड़ से 11 या 21 पत्ते तोड़ लें। ध्यान रखें कि ये पत्ते पूरी तरह से साफ व साबूत हों। अब इन्हें स्वच्छ पानी से धो लें और इनके ऊपर चंदन से भगवान श्रीराम का नाम लिखें। अब इन पत्तों की एक माला बनाएं। माला बनाने के लिए पूजा में उपयोग किए जाने वाले रंगीन धागे का इस्तेमाल करें। अब समीप स्थित किसी हनुमान मंदिर जाएं और हनुमान प्रतिमा को यह माला पहना दें। हनुमानजी को प्रसन्न करने का यह बहुत प्राचीन उपाय है।
4. अगर आप शनि दोष से पीड़ित हैं तो सावन के मंगलवार को काली उड़द व कोयले की एक पोटली बनाएं। इसमें एक रुपए का सिक्का रखें। इसके बाद इस पोटली को अपने ऊपर से उसार कर किसी नदी में प्रवाहित कर दें और फिर किसी हनुमान मंदिर में जाकर राम नाम का जाप करें इससे शनि दोष का प्रभाव कम हो जाएगा।
5. मंगलवार को हनुमानजी के मंदिर जाएं और वहां बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। इसके बाद हनुमानजी को गुड़ और चने का भोग लगाएं। जीवन में यदि कोई समस्या है तो उसका निवारण करने के लिए प्रार्थना करें।