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अधिक मास में पौधे लगाने से मिलता है अश्वमेध यज्ञ का फल, जानिए कौन-कौन से पौधे लगाने चाहिए
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आंवला
तुलसी की तरह ये पेड़ भी पूजनीय है। सौभाग्य और समृद्धि की कामना से कार्तिक महीने में महिलाएं इस पेड़ की पूजा करती हैं। इस पेड़ में लक्ष्मीजी का वास माना जाता है। ग्रंथों में बताया गया है कि इस पेड़ की छाया में बैठकर खाना खाने से बीमारियां दूर हो जाती हैं।
अशोक
अशोक का पेड़ पूजनीय माना जाता है। अशोक का पेड़ लगाने और उसे सींचने से धन लाभ होता है। रामायण में बताया गया है कि सीताजी का अपहरण करने के बाद रावण ने उन्हें अशोक वृक्ष की वाटिका में ही रखा था। श्रीराम ने इसके लिए कहा है कि जो भी इस पेड़ के नीचे बैठेगा उसके सभी दुख और शोक दूर हो जाएंगे। वास्तुशास्त्र में इसे सकारात्मक ऊर्जा देने वाला पेड़ कहा गया है।
वट
बरगद के पेड़ में भगवान विष्णु के साथ ब्रह्माजी और शिवजी का भी वास होता है। इसलिए इस बरगद का पेड़ लगाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। ग्रंथों में बताया गया है कि बरगद के पेड़ को छूने और दर्शन करने से ही भगवान प्रसन्न हो जाते हैं।
बिल्व वृक्ष
बिल्व यानी बेल के पेड़ में भगवान शिव और लक्ष्मीजी का निवास होता है। ग्रंथों में बताया गया है कि इस पेड़ को दर्शन और छूने भर से ही दिनभर के जाने-अनजाने में हुए दिनभर के पाप खत्म हो जाते हैं।
गूलर
गूलर के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना गया है। कुछ ग्रंथों में बताया गया है कि इस पेड़ की जड़ों में ब्रह्मा और शाखाओं में भगवान शिव रहते हैं। साथ ही इस पेड़ पर शुक्र ग्रह और कुबेर का प्रभाव भी इस कारण गूलर का पेड़ लगाने और इसकी पूजा करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।
पीपल
पीपल को देववृक्ष कहा जाता है। उपनिषदों में भी इसका महत्व बताया गया है। ये पेड़ सूर्य की उन किरणों को ग्रहण कर लेता है। जो पोषण देती हैं। ग्रंथों में बताया गया है कि पीपल में जड़ से ऊपर तक के तने में भगवान विष्णु का निवास है। पीपल के नीचे ही भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।
तुलसी
पुरुषोत्तम महीने में तुलसी का पौधा लगाने से पुण्य मिलता है। तुलसी को लक्ष्मीजी का रूप माना गया है। तुलसी के पत्तों के बिना भगवान विष्णु की पूजा भी अधूरी रहती है। इसलिए इस महीने में तुलसी का पौधा लगाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और पुण्य भी मिलता है।