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सर्वपितृमोक्ष अमावस्या 17 सितंबर को, पितरों के मोक्ष के लिए इस दिन जरूर करें ये 5 काम
उज्जैन. 17 सितंबर, गुरुवार को पितृ पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या है। इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहा जाता है। इस तिथि पर उन मृत लोगों के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण कर्म किए जाते हैं, जिनकी मृत्यु तिथि मालूम नहीं है। साथ ही, इस बार अगर किसी मृत सदस्य का श्राद्ध करना भूल गए हैं तो उनके लिए अमावस्या पर श्राद्ध कर्म किए जा सकते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस अमावस्या पर सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों के पिंडदान आदि शुभ कर्म करना चाहिए। मान्यता है कि पितृ पक्ष में सभी पितर देवता धरती पर अपने-अपने कुल के घरों में आते हैं और धूप-ध्यान, तर्पण आदि ग्रहण करते हैं। अमावस्या पर सभी पितर अपने पितृलोक लौट जाते हैं। अमावस्या तिथि पर ये शुभ कर्म भी जरूर करें-
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1. पितृ पक्ष की अमावस्या पर जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करना चाहिए। आप चाहें तो वस्त्रों का दान भी कर सकते हैं।
2. किसी मंदिर में दीपक के लिए शुद्ध घी का दान करें।
3. गायों के लिए किसी गौशाला में हरे चारे का दान करें। ऐसा संभव न हो तो गौशाला संस्था को धन का दान भी कर सकते हैं।
4. अमावस्या की शाम सूर्यास्त के बाद घर में मंदिर में और तुलसी के पास दीपक जलाएं। मुख्य द्वार पर और घर की छत पर भी दीपक जलाना चाहिए।
5. मछलियों के लिए नदी, तालाब में आटे की गोलियां बनाकर डालें। चींटियों के लिए शक्कर मिश्रित आटे डालें।