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काबुल में फंसा UP का सूरज, परिवार से कहा-निकाल लो नहीं तो मारे जाएंगे..पत्नी-मां के नहीं थम रहे आंसू
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दरअसल, सूरज चंदौली जिले के अमोघपुर गांव का रहने वाला है। वह वेल्डिंग का काम करता है। लेकिन यहां वह ठीक से अपने परिवरा की रोजी रोटी नहीं चला पा रहा था। इसलिए वो इसी साल जनवरी माह में अफगानिस्तान चला गया। सूरज अपने साथियों के साथ काबुल की एक फैक्ट्री में वेल्डिंग का काम करता है।
तालिबान के कब्जा करने के बाद सूरज के परिवार की चिंदा बढ़ गई है। पूरा परिवार बस टकटकी लगाए हुए टीवी के सामने बैठा हुआ है कि कब वह अपने घर लौटकर आ जाए। वह जिला कलेक्टर से लेकर विधायक तक अपने बेटे की वापसी के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं।
सूरज के अफगान में फंसे होने से सबसे ज्यादा दुखी उसकी मां और पत्नी हैं। उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पत्नी रेखा गांव के मंदिर जाकर पति की सलामती की दुआ मांग रही है। सूरज का एक मासूम बेटा भी है।
सूरज के पिता बुद्धिराम चौहान और भाई ओंकार ने मीडिया को बताया कि उनका बेटा अफगान की जिस फैक्ट्री में काम करता है, उसका मालिक सभी मजदूरों का पासपोर्ट लेकर फरार हो गया है। भारत आने के लिए पासपोर्ट जरूरी है। सूरज को यह समझ नहीं आ रहा है कि वह आखिर ऐसी हालत में क्या करे। उसने अपनी सारी परेशानी अपने परिवार को बताई है। सूरज ने बताया कि यहां हमारी पीड़ा कोई नहीं सुन रहा है।अगर जल्द यहां से नहीं निकाले गए तो हम सभी मारे जाएंगे।
काबुल की जिस स्टील फैक्ट्री में उत्तर प्रदेश के 18 मजदूर फंसे हुए हैं। उनमें ज्यादातर चंदौली, गाजियाबाद, गाजीपुर, मुबारकपुर के रहने वाले हैं। सभी मजदूर अपने परिवार के संपर्क में हैं और भारत सरकार से जल्द निकालने की गुहार लगा रहे हैं।