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एम्बुलेंस नहीं आई तो बैलगाड़ी से गर्भवती को ले गए अस्पताल, इलाज करने से इंकार; मां-नवजात की मौत
मेरठ(Uttar Pradesh). सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए रोजाना अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं। सीएम योगी टीम 11 के साथ रोजाना बैठक करते हैं और कड़े निर्देश देते हैं। लेकिन इन सब के इतर सरकारी महकमा अपने ही तरह से लोगों की जान से खिलवाड़ करने में जुटा हुआ है। यूपी के मेरठ मेडिकल कॉलेज में ऐसा ही एक मामला देखने को मिला। यहां प्रसव पीड़ा से कराहती गर्भवती महिला को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाने के लिए परिजन निकले। लेकिन महिला ने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया। घर वाले उसे लेकर पास में रहने वाली अस्पताल में काम करने वाली एक आया के पास ले गए। लेकिन बच्चे की मौत हो गई। एम्बुलेंस के जाते ही मां की भी हालत खराब हो गई। उसके बाद परिजन बैलगाड़ी से महिला को लेकर मेडिकल कालेज गए जहां उसे भर्ती करने से इंकार करते हुए जिला अस्पताल ले जाने को कहा गया। लेकिन रास्ते में ही उसकी भी मौत हो गई।
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मामला मेरठ के काशीपुर गांव का है। यहां के रहने वाली अनीता गर्भवती थी। बीते शनिवार को अनीता को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने एम्बुलेंस को फोन किया। काफी देर बाद एम्बुलेंस आई तब तक अनीता की हालत काफी बिगड़ चुकी थी। परिजन उसे लेकर चले ही थे कि तभी अनीता ने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया।
बच्चे के जन्म के बाद परिजन उसे पास में ही रहने वाली एक प्रसव की जानकार महिला के पास ले गए। बताया जा रहा है कि महिला एक अस्पताल में नौकरी करती है। उसने बच्चे की नाल काट दिया और अस्पताल ले जाने को बोला।
लेकिन एम्बुलेंस उन्हें वहां छोड़कर जा चुकी थी। दोबारा एम्बुलेंस को फोन किया गया। इसी बीच बच्चे की हालत बिगड़ने लगी और देखते ही देखते उसने दम तोड़ दिया। मां की भी हालत काफी बिगड़ गई थी।
परिजन दोनों को बैलगाड़ी से आनन- फानन में लेकर मेडिकल कालेज पहुंचे। यहां काफी देर इन्तजार करने के बाद जब डॉक्टरों ने उन्हें देखा तो उसे जिला अस्पताल ले जाने को बोला।
परिजन उसे फिर से बैलगाड़ी पर लेकर जिला अस्पताल लेकर भागे। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मामला जब लोगों के पास पहुंचा तो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इस पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इस पर सरकार पर निशाना साधा है।