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बलबीर गिरि बाघंबरी मठ के महंत बने, 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर ने चादर रस्म से संपन्न कराया राज तिलक
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दरअसल, कुछ दिन पहले पंच परमेश्वर ने बलवीर गिरी के नाम पर मुहर लगाई थी। इसी के तहत आज 5 अक्टूबर को नरेंद्र गिरी के षोडशी संस्कार के बाद महंत बलवीर गिरि की चादरपोशी हुई। इस दौरान नरेंद्र गिरि को अंतिम विदाई दी गई और बलवीर गिरि ने औपचारिक रूप से मठ के महंत की गद्दी पर बैठाया गया।
बलवीर गिरि की चादरपोशी के दौरान मठ को भव्य तरीके से सजाया गया। सुबह सबसे पहले महंत बलवीर ने 16 संन्यासियों को दान-दक्षिणा और भोजन करवाकर की। फिर दोपहर में 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर ने बलवीर गिरि की चादरपोशी की। बलवीर पुरी ने चादर विधि के बाद सबसे अपने गुरु नरेंद्र गिरि का आशीर्वाद लिया।
बाघंबरी गद्दी मठ के नए महंत बनने के बाद बलवीर गिरी ने मीडिया से भी बात की। उन्होंने कहा कि में अपने गरु नरेंद्र गिरि के पदचिन्हों पर चऊंगा और उनके बताए आचरण ही मठ को आगे बढ़ाऊंगा। साथ ही गुरू की मौत के मामले सच लाने की कोशिश करूंगा। मठ को आगे ले जाना मेरी पहली प्राथमिकता होगी।
बलवीर गिरी महंत नरेंद्र गिरी के सबसे प्रिय और 15 साल पुराने शिष्य हैं। वह मूल रुप से उत्तराखंड के रहे वाले हैं, उन्होंने साल 2005 में अपना घर परिवार छोड़ दिया था और फिर संत बन गए थे। नरेंद्र गिरी ने उन्हें दीक्षा दी थी और बलवीर गिरि को हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया था।
बलवीर गिरी महंत नरेंद्र गिरी के सबसे प्रिय और 15 साल पुराने शिष्य हैं। वह मूल रुप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं। उन्होंने साल 2005 में अपना घर परिवार छोड़ दिया था और फिर संत बन गए। नरेंद्र गिरी ने उन्हें दीक्षा दी थी और बलवीर गिरि को हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया था।
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