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कोरोना से डरो..लेकिन इतना भी नहीं: बच्चे की अर्थी को नहीं मिला कंधा, बेबस पिता ने नाले में किया दफन
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दरअसल, यह दर्दभरी कहानी है लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र के रहने वाले सूरजपाल की। जिन्होंने कोरोना के कहर में अपने 13 साल के बेटे को खो दिया। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह पहले उनके बेटे की तबीयत खराब हुई थी। उसे तेज बुखार था, सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। तभी मैंने उसकी जांच कराई तो वह संक्रमित निकला। किसी तरह मैंने उसका घर में ही इलाज कराया, लेकिन वह जिंदा नहीं रहा।
बेटे की मौत की खबर मिलते ही आसपास के लोग कई तरह की चर्चा करने लगे। लेकिन किसी ने इतनी हिम्मत नहीं दिखाई की वह उसकी मदद कर दें। कोरोना के डर से सबने खुद को क्वॉरंटीन कर लिया है।
(प्रतीकात्मक फोटो)
हद तो तब हो गई जब उसने अपने बेटे की अर्थी के लिए पड़ोसियों से मदद मांगी तो लोगों ने कोरोना का बोलकर मना कर दिया। कोई भी युवक उसकी इस दुख की घड़ी में साथ देने नहीं आया। ऐसे में वह खुद बेटे का शव लेकर चल पड़ा। (प्रतीकात्मक फोटो)
मजबूर पिता ने बेटे की लाश कंधे पर रखी और चिनहट के लौलाई पास बने एक नाले के पीछे पहुंच गया। जहां वह अकेले ही बेटे की कब्र खोदता रहा। बीच-बीच में रुककर मिट्टी ऊपर फेंकता फिर खुदाई कर देता।
(प्रतीकात्मक फोटो)