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दिव्यांग की कहानी सुन DSP का दिल पसीजा, बेटी को ढूंढ़ने महिला ने पुलिस की गाड़ी में 12 हजार का तेल भराया
कानपुर (Uttar Pradesh) । बेटी को खोजने के लिए दिव्यांग मां भीख मांगकर पैसे जुटाती थी। इन पैसे से पुलिस अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवाती थी। यह मामला तब खुला जब पीड़िता डीआईजी के पास शिकायत करने पहुंच गई। पैर से दिव्यांग और फटी धोती पहने इस महिला की कहानी जब डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने सुनी तो उनका भी दिल पसीज गया। उन्होंने तत्काल महिला की बेटी को ढूंढने आदेश दिया। साथ ही खुद अपनी गाड़ी से महिला को उसके घर भिजवाया। जिसकी पूरी कहानी हम आपको बता रहे हैं।
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चकेरी के सनिगवां गांव की रहने वाली गुड़िया बैसाखी के सहारे चलती है और भीख मांगकर गुजारा करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसकी 15 साल की बेटी एक महीने से लापता है। दूर के रिश्तेदार पर अगवा करने का आरोप है।
गुड़िया की शिकायत पर पुलिस ने गुमशुदगी तो दर्ज कर ली। लेकिन, बेटी की बरामदगी की फरियाद लिए जब भी थाने जाती उसे फटकार भगा देते थे। आरोप है कि सीएम ऑफिस में भी गुहार लगाने गई, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता अब डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह के पास भी पहुंच गई। जहां बेटी की गुहार लगाने लगाने की मांग करने लगी। साथ ही आरोप लगाया कि वह भीख मांगकर अब तक 10 से 12 हजार का डीजल भरवा चुकी है। लेकिन, उसकी बेटी नहीं मिली है।
पीड़िता के मुताबिक सनिगवां चौकी प्रभारी ने उसे बुलाया और कहा, उसकी बेटी को तलाशना है। इसके लिए गाड़ी में जो डीजल खर्च होगा, उसे देना होगा। इसके नाम पर दारोगा ने चार बार ढाई-ढाई हजार रुपए का डीजल गाड़ी में भरवाया। बेटी नहीं मिली और उसका दस हजार रुपया भी खर्च हो गया। पिछले दिनों जब वह शिकायत लेकर सनिगवां चौकी पहुंची तो उसे भगा दिया गया था।
डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि महिला की बेटी को बरामद करने के आदेश दिए गए हैं। दारोगा को लाइन हाजिर कर उसके खिलाफ जांच कराई जा रही है