पति संग रहना चाहती थी बहू, कलह मचा तो पहले परिवार को मारा फिर दे दी अपनी जान
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एटा शहर कोतवाली के श्रृंगार नगर में पूर्व स्वास्थ्य अधिकारी राजेश्वर प्रसाद पचौरी का मकान है। बहू दिव्या पचौरी, दो बच्चों आरुष (10), छोटू (10) माह और ससुर राजेश्वर प्रसाद पचौरी के साथ रहती थी। कुछ दिन पहले ही दिवाकर पचौरी की साली बुलबुल (26) पुत्री रमाशंकर उपाध्याय निवासी सोनई जिला मथुरा आई थी। वो भी यहीं थी।
राजेश्वर प्रसाद का बेटा दिवाकर पचौरी रुड़की में फार्मा कंपनी में नौकरी करता है। दिव्या रुड़की में शिफ्ट होना चाहती थी। जिसे लेकर घर में कलह चल रही थी।
शनिवार सुबह दूध देने के लिए महिला आई थी। महिला ने गेट खटखटाया तो कोई आवाज नहीं आई। उसने अंदर झांककर देखा तो गेट के पास ही चारपाई पर दिव्या की लाश पड़ी दिखाई दी। यह देख वह चीख निकल गई।
महिला ने इस मामले की जानकारी आसपास के लोगों को दी गई। पूरा मोहल्ला जमा हो गया। अंदर से ताला बंद होने के कारण कुछ पता नहीं चल सका।
सूचना मिलने पर पुलिस पहुंच गई। तब तक परिवार के अन्य लोग भी पहुंच गए। पुलिस ने गैस कटर से गेट काटकर अंदर जाकर देखा तो सभी मृत पड़े थे। यह हाल देख कोहराम मच गया। पुलिस को घर से हारपिक और सल्फास की डिब्बी भी मिली थी।
पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि दिव्या ने पारिवारिक कलह में चारों को रविवार की रात खाना खिलाया था, खाने में ही सभी को विषाक्त पदार्थ दिया गया। विषाक्त पदार्थ वाला खाना खाने से चारों की मौत हो गई।
इसके बाद दिव्या ने सभी के गले दबाए और मासूम छोटू के मुंह को दबाकर जान ले ली।
दिव्या जब चारों की मौत से संतुष्ट हुई तब उसने खुद विषाक्त पदार्थ खाकर जान दे दी। जब लगा कि जान बच सकती है तो उसने ब्लेड से अपनी कलाई की नस भी काट ली थी।
एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राजेश्वर प्रसाद पचौरी, बुलबुल, आरूष और आरव को खाने में विषाक्त देकर हत्या की गई। चार शवों को अंतिम संस्कार पैतृक गांव में किया गया है और बुलबुल के परिजन शव मथुरा ले गए।