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कौन हैं Anjali Sharma, जिनकी हर तरफ हो रही तारीफ, लखनऊ में जन्मी, आस्ट्रेलिया में लहरा रही परचम
लखनऊ : भारतीय मूल की Climate Activist अंजलि शर्मा (Anjali Sharma) इन दिनों ऑस्ट्रेलिया (Australia) में चर्चा का विषय बन गई हैं। इसके पीछे कारण है अंजलि का वो कोर्ट केस, जो उन्होंने जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से भविष्य में बच्चों को होने वाले नुकसान के लिए वहां की सरकार के खिलाफ किया था। अंजलि जलवायु परिवर्तन को लेकर मुखर हैं। कोर्ट में उन्हें जीत भी मिली, जिसके बाद उनकी हर तरफ सराहना हो रही है। कौन हैं अंजलि शर्मा और क्या है उनका भारत कनेक्शन देखिए..
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क्लाइमेट चेंज पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
मई 2021 में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न (Melbourne) में एक हाईस्कूल के कुछ बच्चों ने क्लाइमेट चेंज को लेकर ऑस्ट्रेलिया सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। भारतीय मूल की 17 साल की अंजलि शर्मा और 7 किशोर एनवायर्नमेंटलिस्ट ने ऑस्ट्रेलिया सरकार पर सीधा निशाना साधा।
आने वाली पीढ़ी की लड़ाई
ऑस्ट्रेलियाई समाचार मीडिया वेबसाइट news.com.au के मुताबिक, इन आठों बच्चों ने Gunnedah, New South Wales के कोल प्रोजेक्ट के खिलाफ कोर्ट में अर्जी डाली। इनका कहना था कि क्लाइमेट चेंज की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य को होने वाले खतरे से बचाना पर्यावरण मंत्री सुसैन ले (Sussan Ley) का दायित्व है।
कोयला खदान रोकने का आग्रह
अंजलि शर्मा और उनके साथियों ने तर्क दिया कि वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का निरंतर उत्सर्जन तीव्र झाड़ियों, बाढ़, तूफान और चक्रवातों को चलाएगा और उन्हें इस सदी के अंत में चोट, बीमारी, आर्थिक नुकसान और यहां तक कि मौत के लिए कमजोर बना देगा। उन्होंने अदालत से पर्यावरण मंत्री सुसान ले को उत्तरी न्यू साउथ वेल्स में विकरी कोयला खदान के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी देने से रोकने का आग्रह किया।
कोर्ट में अंजलि शर्मा टीम की जीत
हालांकि फेडरल कोर्ट ने कोल प्रोजेक्ट को नहीं रोका लेकिन ये माना कि मंत्री Sussan Ley पर बच्चों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है। ले ने पिछले महीने कोल प्रोजेक्ट पर हामी भर दी। जस्टिस मोर्देकई ब्रोमबर्ग ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि जलवायु परिवर्तन से भविष्य में बच्चों को होने वाले किसी नुकसान से बचाने संबंधी देखरेख की जिम्मेदारी सरकार की है। इस फैसले को दुनियाभर में किशोरों और जलवायु कार्यकर्ताओं के लिए एक अहम जीत माना गया है।
क्या कहा अंजलि शर्मा ने
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सोमवार को फेडरल कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ अपनी कानूनी चुनौती शुरू कर दी है। इस साल मई में मेलबर्न से भारतीय मूल की 17 साल हाई-स्कूल की छात्रा अंजलि शर्मा और सात अन्य किशोर पर्यावरणविदों ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई का नेतृत्व किया। अंजलि ने कहा कि सारे ऑस्ट्रेलियाई बच्चों के प्रति सरकार का कर्तव्य है कि सरकार मेरी पीढ़ी को जलवायु परिवर्तन के बढ़ते जोखिम से बचाने के लिए लड़े। अंजलि और उसके युवा पर्यावरणविद साथियों को ग्रेटा थनबर्ग(Greata Thanvarg) ने बधाई दी है।
कौन हैं अंजलि शर्मा?
17 साल की अंजलि शर्मा उत्तर-प्रदेश (uttar pradesh) की राजधानी लखनऊ (lucknow) में पैदा हुई थी। अंजिल जब 10 महीने की थी तो उनके माता-पिता उन्हें ऑस्ट्रेलिया लेकर चले गए। 2017 में दक्षिण एशिया में आए भयंकर बाढ़ के बाद अंजलि ने क्लाइमेट चेंज के खिलाफ विरोध में हिस्सा लेना शुरू किया। उन्होंने बताया, मैंने भारत में अपने परिवार को जलवायु परिवर्तन और भीषण बाढ़ के प्रभावों से जूझते देखा है। अंजलि को पिछले महीने वैश्विक प्रतिभागियों में से प्रतिष्ठित बाल जलवायु पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।