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बदायूं कांडः गांव में ही छिपा था दरिंदा, पकड़ने में पुलिस को लगे दो दिन, 50 हजार का था ईनाम
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जिला प्रशासन ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट लीक करने की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिए हैं। बदायूं डीएम ने यह जांच एडीएम को सौंपी है। उनसे नौ जनवरी तक जांच रिपोर्ट मांगी गई है।
घटना के चलते विपक्षी दलों ने यूपी सरकार को घेरने की कोशिश भी की थी। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि बदायूं की घटना अत्यंत निंदनीय है। अभियुक्तों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
बताते चले कि पीड़ित पक्ष का आरोप है देर रात पुजारी की जीप से दरिंदे शव को मृतका के दरवाजे पर फेंककर चले गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला के साथ गैंगरेप किया गया था। इसके बाद उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली गई, जिससे अंदरूनी हिस्सा फट गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मृतक महिला की बाईं सातवीं पसली टूटी हुई मिली और बायां फेफड़ा भी फटा हुआ था। इसके अलावा उसका बायां पैर टूटा हुआ मिला था। उसके शरीर का सारा खून बह जाने से उसकी मौत हो गई थी।
कयास लगाया जा रहा है कि महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली गई थी। इससे उसका खून बहने लगा। खून रोकने के लिए उसके प्राइवेट पार्ट में कपड़ा और रुई ठूंस दी थी। हालांकि महिला के सारे कपड़े खून से लथपथ मिले थे।
उघैती पुलिस ने धर्मस्थल के पुजारी सत्यनारायण दास, मेवली निवासी वेदराम और यशपाल के खिलाफ हत्या व दुष्कर्म के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली है। फिलहाल पुलिस ने अब सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।