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जेल में बंद है MLA पति-पत्नी, फिर भी 100 प्रतिशत बढ़ी इनकी संपत्ति,कभी सिंदूर का वास्ता देकर जीता था चुनाव
भदोही (Uttar Pradesh) । ज्ञानपुर से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा और उनकी एमएलसी पत्नी रामलली की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। आगरा जेल में बंद इस दंपती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति होने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसे हंडिया थाने में विजिलेंस इंस्पेक्टर ओम प्रकाश सिंह की ओर से दर्ज कराया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों ने अपनी आय से 924 प्रतिशत अधिक संपत्ति बनाई है। बता दें कि चार बार के विधायक विजय मिश्रा का सियासी सफर बहुत ही दिलचस्प रहा है। क्योंकि वे इससे पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं। एक बार पुलिस की पकड़ से खुद को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर से भागे तो कभी साधु वेश में समर्पण किया था। आज हम विजय मिश्रा के राजनीति में आने से लेकर गिरफ्तार होने तक के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
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प्रयागराज जनपद के सैदाबाद क्षेत्र के खपटीहां गांव में जन्मे विजय मिश्रा ने 1980 में एक पेट्रोल पंप और ट्रक संचालन से अपने कारोबारी जीवन की शुरुआत की थी। वो अक्सर कहते थे कि उन्हें लोग अनायास ही धमकाते थे। इससे उनका व्यापार प्रभावित होता था। पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी के निर्देश पर वह राजनीति में आए।
4 अक्टूबर 2019 को विजिलेंस से ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्रा और उनकी पत्नी एमएलसी रामलली के खिलाफ शिकायत की गई थी। दोनों पर लोकसेवक के पद पर रहते हुए अवैध रूप से नामी, बेनामी, चल और अचल संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था।
विजिलेंस ने विधायक विजय मिश्रा और एमएलसी रामलली मिश्रा के खिलाफ लोक सेवक के पद पर रहते हुए अवैध रूप से नामी, बेनामी चल व अचल संपत्ति अर्जित करने की खुली जांच की थी। जिसमें पाया गया कि दोनों ने 2002 से 2017 के बीच अकूत संपत्ति इकट्ठा की।
निर्धारित अवधि में पति-पत्नी की आय 2 करोड़ 32 लाख 33 हजार 593 रुपये थी, जबकि इस अवधि में अर्जित की गई संपत्तियों की कीमत 23 करोड़ 81 लाख 98 हजार 248 रुपये पाई गई। यह संपत्ति आय के मुकाबले 924 प्रतिशत अधिक है।
पुलिस के अनुसार विजय मिश्रा के खिलाफ आपराधिक आरोपों में 73 मुकदमे दर्ज हैं। बताते हैं कि नब्बे के दशक में वह ब्लॉक प्रमुख बने थे। इसके बाद भदोही में जिला पंचायत के चुनाव में उनकी हमेशा अच्छी-खासी दखल रही। साथ ही आपराधिक आरोपों में मुकदमों की संख्या भी बढ़ती गई। वर्ष 2001 के लगभग सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से विजय मिश्रा की करीबी बढ़ी।
विजय मिश्रा सपा के टिकट से ज्ञानपुर से 2002, 2007 और 2012 का विधानसभा चुनाव जीते। वर्ष 2017 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टिकट नहीं दिया तो निषाद पार्टी से ज्ञानपुर विधानसभा का चुनाव जीता। इस बीच उनकी पत्नी रामलली मिश्रा भदोही से जिला पंचायत अध्यक्ष और एमएलसी का चुनाव जीतीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विजय मिश्रा ने खुद एक बार बताया था कि वर्ष 2009 फरवरी में भदोही में विधानसभा का उपचुनाव होना था। बसपा के 40 मंत्री भदोही में कैंप किए हुए थे। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के कहने पर बसपा प्रत्याशी की मदद करने से इनकार कर दिया तो वह नाराज हो गईं।
मायावती ने विजय मिश्रा को पकड़ने के लिए पुलिस भेजा। इसी दौरान मुलायम सिंह यादव भदोही में सभा कर रहे थे। मंच से जनता को अपनी पत्नी रामलली के सिंदूर का वास्ता देते हुए कहा कि अब उनके सुहाग की रक्षा और सम्मान आप सबके हाथों में ही है।
विजय मिश्रा के मुताबिक तब नेताजी ( मुलायम सिंह यादव) ने कहा था कि जिसकी हिम्मत हो पकड़कर दिखाए और फिर वे हमें (विजय मिश्रा) को हेलीकॉप्टर में लेकर चले गए थे। उधर, पुलिस देखती ही रह गई। इसके बाद जुलाई 2010 में बसपा सरकार के मंत्री नंद कुमार नंदी पर प्रयागराज में हुए हमले में विजय मिश्रा का नाम आया।
वर्ष 2011 में विजय मिश्रा ने दिल्ली स्थित हौज खास में लंबी दाढ़ी और लंबे बालों में साधु वेश में समर्पण किया था। जेल में ही रहकर वर्ष 2012 में वह सपा के टिकट पर ज्ञानपुर से विधानसभा का चुनाव लड़े और फिर विजयी हुए।