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यूपी में ब्राह्मण वोट बैंक पर विपक्ष की नजर, अखिलेश यादव के बाद अब मायावती ने दिया ऐसा 'ऑफर'
लखनऊ (Uttar Pradesh)। यूपी में ब्राह्मण वोट बैंक पर विपक्ष की नजर है। विकास दुबे और उनके गुर्गों की एनकाउंटर में मौत के बाद यूपी में सभी विपक्षी दल सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि योगी सरकार ब्राह्मण विरोधी है। अब जब आगामी विधानसभा चुनाव में करीब दो साल का बचा है तो कांग्रेस सहित समाजवादी पार्टी और बसपा ब्राह्मण कार्ड खेलने में नहीं चूक रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद बसपा सुप्रीमो मायवती ने भी ब्राह्मण वोट बैंक को देखते हुए ऑफर दिया है। इसके लिए मायावती ने भी आज प्रेस कांफ्रेंस किया है। जिसमें उन्होंने ब्राह्मण समाज की आस्था के प्रतीक परशुराम के नाम पर अस्पतालों व सुविधायुक्त ठहरने के स्थानों का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही सवाल किया कि सपा की सरकार ने ब्राह्मणों के लिए क्या किया गया था।
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यूपी में ब्राह्मण वोटों की अहमियत सभी विपक्षी दलों को समझ में आने लगी है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के इस ऐलान के बाद रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस कर ब्राह्मण कार्ड खेल दिया।
बताते चले कि बीते दिनों कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद पुलिस एनकाउंटर में मारे गए मुख्य आरोपी विकास दुबे और उनके गुर्गों की एनकाउंटर में मौत के बाद से ही यूपी में सभी विपक्षी दल सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि योगी सरकार ब्राह्मण विरोधी है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में करीब दो साल का बचा है तो कांग्रेस सहित समाजवादी पार्टी और बसपा ब्राह्मण कार्ड खेलने में नहीं चूक रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिले में भगवान राम की मूर्ति लगाई जाएगी। इसके बाद मायावती ने भी देरी न करते हुए ऐलान कर दिया कि उनकी सरकार बनते ही हर धर्म के संतों के नाम पर अस्पतालों व सुविधायुक्त ठहरने के स्थानों का निर्माण कराया जाएगा।
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची मूर्ति लगाने के ऐलान के बाद यूपी की सियासत में 2022 के चुनाव से पहले मुद्दों को लेकर स्थिति साफ होती जा रही है।
मायावती ने कहा कि अगर 2022 में यूपी में बसपा की सरकार बनती है तो ब्राह्मण समाज की आस्था के प्रतीक परशुराम और सभी जातियों के महान संतों के नाम पर अस्पतालों व सुविधायुक्त ठहरने के स्थानों का निर्माण कराया जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में ब्राह्मणों के लिए क्या किया गया।
मायावती ने कहा कि चार बार बनीं बसपा की सरकार में सभी वर्गों के महान संतों के नाम पर अनेक जनहित योजनाएं शुरू की गई थीं, जिसे बाद में आई सपा सरकार ने जातिवादी मानसिकता व द्वेष की भावना के चलते बदल दिया।
मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी से भव्य परशुराम की मूर्ति उनकी सरकार लगवाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना के खिलाफ केंद्र व राज्य की सरकारें पूरी तरह से कामयाब नहीं रही हैं। उनके प्रयासों में कमी रही है।