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ऐसे दिल्ली पहुंचा था निर्भया का ये दोषी, जूस का करता था व्यवसाय, दादी, बहन से मिलते ही फूट फूट कर रोया
बस्ती (Uttar Pradesh)। निर्भया बलात्कार और हत्या मामले में दिल्ली हाईकोर्ट आज यानी बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा। केंद्र सरकार और तिहाड़ जेल प्रशासन ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें निर्भया कांड के दोषियों की फांसी पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है। ऐसे में सभी की निगाहें दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर लगी है, लेकिन दरिंदों का डर अभी भी बरकरार है। इन्हीं दोषियों में से एक अभियुक्त पवन गुप्ता बस्ती जिले के जगन्नाथपुर का निवासी है। इससे पहले डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषी पवन से मिलने उसकी दादी, बहन और पिता पहुंचे थे। तीनों को देखकर पवन खुद को रोक नहीं पाया था और आधे घंटे तक फूट-फूटकर रोया था।
| Published : Feb 05 2020, 09:02 AM IST
ऐसे दिल्ली पहुंचा था निर्भया का ये दोषी, जूस का करता था व्यवसाय, दादी, बहन से मिलते ही फूट फूट कर रोया
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सात साल पहले दिल्ली की सड़कों पर चलती बस में निर्भया के साथ खौफनाक वारदात को अंजाम देने वाले छह दरिंदों में एक पवन क्रिकेट का बहुत शौक था। उसके बचपन के दोस्त और अन्य लड़के कहते हैं कि उसने महादेवा में नमकीन बनाने की फैक्ट्री खोली लेकिन वह चल नहीं पाई। इसके बाद वह दिल्ली चला गया और वहां जूस का व्यवसाय करने लगा।
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16 दिसंबर 2012 को चलती बस में छात्रा निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ। पवन गुप्ता उर्फ कालू भी अपने दोस्तों के साथ उसी बस में था। वह बस्ती जिले का रहने वाला है। उसकी हरकत पर आज भी गांव के लोगों को यकीन नहीं होता। इसका जिक्र होते ही उनका सिर शर्म से झुक जाता है।
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आधे घंटे की मुलाकात के दौरान दादी अपने पोते को निहारती रही। पवन ने अपनी बहन से परिवार वालों के बारे में बातचीत की। जेल नंबर तीन में जाने के बाद चारों दोषियों में से किसी दोषी की यह पहली मुलाकात है। जेल सूत्रों का कहना है कि जेल अधीक्षक के कार्यालय में इनकी मुलाकात करवाई गई। करीब आधे घंटे की मुलाकात हुई। इससे पूर्व मुकेश की मां और विनय के पिता भी उससे मिल चुके हैं।
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पवन कुमार के पिता बेटे को बचाने के लिए बहुत कोशिश कर रहे हैं। उसके पिता को सत्र न्यायालय से भी निराशा हाथ लगी। सत्र न्यायालय ने भी उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें निर्भया के मित्र व केस के एकमात्र गवाह पर एफआईआर दर्ज करने मांग की गई थी।
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बस्ती निवासी पवन के परिवार के लोग तो दिल्ली के आरकेपुरम रविदास कैंप में रहते हैं, लेकिन बस्ती के लोग इन दिनों फांसी की चर्चा सुनकर सहम से गए हैं, हालांकि कोई भी पवन गुप्ता के बारे में कुछ बोलना नहीं चाहता।