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पवन जल्लाद ने चार फांसी देकर तोड़ा अपने पूर्वजों का रिकार्ड, परिवार में किसी ने नहीं किया था ये काम
| Published : Mar 20 2020, 12:54 PM IST / Updated: Mar 20 2020, 01:00 PM IST
पवन जल्लाद ने चार फांसी देकर तोड़ा अपने पूर्वजों का रिकार्ड, परिवार में किसी ने नहीं किया था ये काम
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पवन जल्लाद को दो दिन पहले ही तिहाड़ जेल बुला लिया गया था। इसके लिए उसे ट्रेनिंग दी जा रही थी। हांलाकि वह अपने दादा कालूराम के साथ एक-दो फांसी में साथ रहा है लेकिन खुद से कभी कोई फांसी नहीं दी थी। बता दें कि इस समय पवन जल्लाद देश में इकलौता जल्लाद है।
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पवन जल्लाद का परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी फांसी देता आ रहा है। पवन के दादा कल्लू और परदादा लक्ष्मण राम भी फांसी देते थे। कुख्यात रंगा- बिल्ला, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह व केहर सिंह को पवन के दादा कल्लू जल्लाद ने फांसी दी थी। पवन ने फांसी देने की कला अपने दादा कल्लू जल्लाद से सीखी थी।
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पवन पहली बार आगरा जेल में 1988 में रेप के आरोपी जुम्मन को फांसी देने अपने दादा कालूराम के साथ गया था। कालूराम ने बाद में यह काम अपने बेटे मम्मू सिंह को सौंप दिया। मम्मू ने आखिरी बार 1997 में जबलपुर के कांताप्रसाद तिवारी को फांसी दी थी।
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बताया जा रहा है कि निर्भया के गुनहगारों को फांसी देने के बदले पवन जल्लाद को 60 हजार रूपए दिए गए। वह मेरठ जेल का अधिकृत जल्लाद है। उसे मेरठ जेल से प्रति माह पांच हजार रूपए दिए जाते हैं।
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पवन जल्लाद ने एक माह पूर्व एशियानेट न्यूज़ हिंदी से बातचीत में कहा था कि उसके दादा का सपना रहा है कि मै पुश्तैनी काम को आगे बढ़ाऊं। लेकिन कानून बदलने के साथ ही देश में फांसियों की सजा काफी कम हो गई। जिन केसेज में सजा हुआ हुई है उसमे भी कानूनी दांवपेंच लगा हुआ है। हांलाकि निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए वह काफी उत्साहित था। उसने कहा कि इस फांसी के होने के बाद यह महिलाओं का शोषण करने वालों के लिए एक नजीर होगी।