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राष्ट्रपति मां विंध्यवासिनी धाम में टेकेंगे माथा,7 घंटों दर्शन रहेगा प्रतिबंधित
वाराणसी (Uttar Pradesh) । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गंगा आरती और बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन किए। बता दें कि वो राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार पत्नी सविता कोविंद के साथ तीन दिवसीय प्रवास पर आए हैं। दूसरे दिन यानि आज (रविवार) को वो मां विंध्यवासिनी मंदिर में भी दर्जन-पूजन करने पहुंचेंगे। जहां इस समय आम भक्तों के लिए दर्शन शाम पांच बजे तक प्रतिबंधित कर दिया गया है।
| Published : Mar 14 2021, 10:56 AM IST / Updated: Mar 14 2021, 03:26 PM IST
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बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का रविवार की शाम चार बजे विंध्यवासिनी मंदिर में दर्शन पूजन का कार्यक्रम प्रस्तावित है। उनके साथ या बाद में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दर्शन पूजन करेंगे। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं के लिए सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक पूर्ण रूप से दर्शन पूजन प्रतिबंधित किया गया है।
बताते चले कि राष्ट्रपति वाराणसी में शनिवार को गंगा आरती के पहले श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे थे। परिसर में प्रवेश के साथ सिर झुकाकर सपरिवार काशीपुराधिपति को नमन किया। गर्भगृह में उत्तर मुख बैठे और मंत्रों के बीच दुग्ध-जल, पुष्प-पत्र अर्पित कर बाबा का षोडशोपचार पूजन किया।
राष्ट्रपति आंखें बंदकर बाबा से मंगल कामना किए और विधि-विधान से अनुष्ठान पूरा किए। गर्भगृह से बाहर निकले तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वनाथ धाम की डिजाइन के जरिए उन्हें पूरे प्रोजेक्ट की जानकारी दी। बताया कि कॉरिडोर बनने से भविष्य में लोग गंगा स्नान कर दर्शन-पूजन के लिए सीधे मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द बभनी के चक चपकी स्थित सेवाकुंज आश्रम में रविवार को सुबह लगभग साढ़े दस बजे पहुंचे। यहां से 12 बजे वनवासी समागम स्थल पर पहुंचेंगे, जहां विरसा मुंडा वनवासी विद्यापीठ सहित दो छात्रकुल का लोकार्पण व शबरी भोजनालय का शिलान्यास करेंगे।
आदिवासी समुदाय को राष्ट्रपति संबोधित करने के बाद वह हेलीकाप्टर से लगभग 12:50 बजे मीरजापुर के अष्टभुजा पहाड़ी पर उतरेंगे। राजकीय गेस्ट हाउस जाकर, फिर विंध्यवासिनी मंदिर पहुंचकर दर्शन-पूजन करेंगे। शाम को हेलीकाप्टर से वाराणसी के लिए प्रस्थान करेंगे।