लॉकडाउन में राजनीति छोड़ खेती-किसानी कर रहे राजा भैया, कुछ ऐसे बीत रहे दिन
| Published : Apr 06 2020, 01:12 PM IST / Updated: Apr 06 2020, 02:16 PM IST
लॉकडाउन में राजनीति छोड़ खेती-किसानी कर रहे राजा भैया, कुछ ऐसे बीत रहे दिन
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राजा भैया लॉकडाउन के दौरान अपने बेंती राजमहल में रह रहे हैं। वह सुबह 6 बजे उठ जाते हैं। यह उनका हमेशा से ही उठने का टाइम रहा है। नित्यक्रिया के बाद वह योगा करते हैं। राजा भैया की स्पोर्ट्स में काफी रूचि है इसलिए वह अपने गार्डेन में जॉगिंग भी करते हैं। कभी-कभी गार्डेन में ही बच्चों के साथ बैडमिंटन भी खेलते हैं। सुबह 8 बजे तक इन कार्यों से वह खाली हो जाते हैं। इस समय वह खेतों में फसल कटाई की देखरेख में काफी समय गुजार रहे हैं।
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8 बजे वह स्नान करने के बाद राजमहल परिसर में ही बने हनुमान जी के मंदिर में पूजा पाठ करते हैं। नाश्ता करने के बाद फिर फोन से क्षेत्र के लोगों का हाल चाल लेने में लग जाते हैं। लॉकडाउन में जनता दर्शन न कर पाने के कारण क्षेत्र में लोगो का फोन से हाल-चाल लेने में भी काफी समय बीत जाता है।
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राजा भैया ने बताया कि इस समय खेतों में फसल पकने को है। लॉकडाउन होने के बाद में सरसो कट कर उसकी मड़ाई हो चुकी है। चना भी कटने लगा है। गेहूं कटने की तैयारी चल रही है। इस समय खेतों में फसल कटाई की देखरेख में काफी समय गुजार रहा हूं। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने के बाद कभी इतना टाइम ही नहीं मिला कि खेतों के भी चक्कर लगा सकूं। लेकिन एक लम्बे अरसे बाद इसका भी समय मिल गया है।
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राजा भैया बताते हैं कि रामचरित मानस व भगवत गीता ये दो पुस्तकें मेरे पास हमेशा रहती हैं। यदि मै कहीं सफर में भी होता हूं तो मेरे साथ ये दोनों पवित्र पुस्तकें होती हैं। इस समय काफी समय पढ़ने में बीत रहा है। इन दोनों पवित्र ग्रंथों के आलावा कई अन्य किताबें भी पढ़ने का मौका मिल रहा है। जो कि काफी सुखद है।
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राजा भैया ने बताया कि लॉकडाउन होने के कारण बच्चे घर पर ही हैं। काफी समय बाद ऐसा अवसर आया है कि चारों बच्चों के साथ वक्त गुजरने का मौक़ा आया हो। कभी ऐसा मौक़ा मिला भी तो काम का प्रेशर साथ में रहता था। लेकिन इस समय ऐसा है नहीं तो बच्चों के साथ खेलने, उसने बात करके भी काफी वक्त गुजर रहा है।
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काफी समय लोगों से फोन पर बात कर उनके समस्याओं परेशानियों को फोन के माध्यम से दूर करने में काफी वक्त बीत रहा है। मैंने पूरे विधानसभा क्षेत्र में बूथस्तर पर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दे दी है। वह अपने इलाके में किसी की भी समस्या को लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हल करेंगे।
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राजा भैया बताते हैं कि इस लॉकडाउन की वजह से एक बड़ी सुखद बात देखने को मिली है कि जो लोग रोजी-रोटी के सिलसिले में बाहर रहते थे वह सभी घर पर हैं। तो बड़े अरसे बॉस एक साथ संयुक्त परिवार की परिभाषा सार्थक हो रही है। इस समय खेतों में फसल की कटाई का भी समय है तो सभी लोग मिलजुल कर ये कार्य ही निबटा रहे हैं।