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रामनवमी पर 492 साल बाद भक्तों को दर्शन देंगे रामलला, अस्थाई मंदिर में लगेगा भक्तों का जमावड़ा
अयोध्या(Uttar Pradesh ). 492 साल बाद अयोध्या में वो समय आने जा रहा है जिसका इन्तजार राम भक्तों को पिछले 492 सालों से था। जी हां इस बार राम नवमी पर रामलला का दर्शन पाने के लिए भक्तों को छूट दी जाएगी। 1528 में मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीरबाकी के हमले के बाद रामनवमी पर रामभक्त अपने आराध्य का दर्शन नहीं पा सके। बाबरी विध्वंस के बाद भी भक्तों के लिए रामलला का दर्शन प्रतिबंधित ही रहा। अब जब रामलला के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है तो उसके बाद रामलला का दर्शन पाने के लिए भक्तों को छूट दी जाएगी।
| Published : Mar 09 2020, 12:17 PM IST
रामनवमी पर 492 साल बाद भक्तों को दर्शन देंगे रामलला, अस्थाई मंदिर में लगेगा भक्तों का जमावड़ा
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गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरित मानस में लिखा गया है "नौमी तिथि मधु मास पुनीता, सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता।। मध्य दिवस अति सीत न घामा, पावन काल लोक विश्रामा।। " इसका अर्थ है कि पवित्र चैत्र का महीना था, नवमी तिथि थी। शुक्ल पक्ष और भगवान का प्रिय अभिजित मुहूर्त था। दोपहर का समय था। न बहुत सर्दी थी, न धूप थी। वह पवित्र समय सब लोकों को शांति देने वाला था। राम नवमी की इसी तिथि को भगवान राम का जन्म माना जाता है।
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1528 में मीरबाकी के हमले के बाद रामनवमी का भव्य कार्यक्रम बंद हो गया था। सुप्रीम कोर्ट से रामलला के पक्ष में आए फैसले के बाद यह पहली रामनवमी है। इस पर दोपहर में रामलला के दरबार को भक्तों के लिए खोलने की तैयारी चल रही है। ट्रस्ट के सदस्यों के अनुसार फाइबर के बन रहे अस्थाई मंदिर के सामने इतनी जगह बनाई जा रही है कि जन्मोत्सव की आरती में ट्रस्टी, संत-धर्माचार्य समेत भक्त भी शामिल हो सकें।
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अयोध्या के संत मिथिला बिहारी दास का कहना है कि ये ऐसा अवसर होगा जिसके गवाह हजारों लोग बनेंगे। अयोध्या में राम नवमी को लेकर बहुत उत्साह है। तकरीबन 500 सालों बाद आने वाला ये अवसर अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए खास होगा।
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रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के मुताबिक रामलला के जन्मोत्सव राम नवमी पर हर बार विधिवत पूजन,आरती होती है। राम लला का जन्मदिन मनाया जाता है। लेकिन वहां दुखद होता है भक्तों का न होना। वहां भक्तों के जाने की परमीशन नही होती थी। जिसके कारण सब कुछ होते हुए भी रामलला का जन्मदिन फीका सा लगता था। लेकिन इस बार जनमोत्स्व को भव्यतम रूप प्रदान किया जाएगा।
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ट्रस्ट के लोगों की माने तो फाइबर के अस्थाई मंदिर में रामलला का दर्शन निकट से होने के साथ सामने इतनी जगह बनाई जा रही है, जहां पूरे नवरात्र के दिनों में भक्तों को भी रामलला का दर्शन मिल सके। इसके लिए दर्शन के समय में सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक बंदी अवधि को समाप्त किया जाएगा। इसका प्रस्ताव सुरक्षा अधिकारियों को भेजा जा चुका है, जल्द ही उनका निर्णय आएगा। सभी ट्रस्टी भी रामजन्मोत्सव में शामिल होने के लिए आमंत्रित किए गए हैं।