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- 51 साल में 151 पवित्र नदियों का जल एकत्र किए यह 2 भाई, राम मंदिर की नींव में पड़ेंगी सोने-चांदी की ये 4 चीजेें
51 साल में 151 पवित्र नदियों का जल एकत्र किए यह 2 भाई, राम मंदिर की नींव में पड़ेंगी सोने-चांदी की ये 4 चीजेें
वाराणसी (Uttar Pradesh) । अयोध्या में पांच अगस्त को रामलला के मंदिर के भूमि का पूजन होगा। इसे लेकर तैयारियां अंतिम दौर में हैं। वहीं, वाराणसी से दो भाई प्रोफेसर विनय पांडेय और प्रोफेसर रामचंद्र पांडेय 151 से अधिक पवित्र नदियों का जल लेकर अयोध्या जा रहे हैं। ये पेशे से प्रोफेसर हैं। इनका दावा है कि वे पवित्र नदियों का पानी 51 साल से एकत्र कर रहे हैं। बता दें कि नींव में लगने वाली चार चीजें काशी (वाराणसी) से मंगाई गई हैं, जिसे बाबा विश्वनाथ को चढ़ाने के बाद अयोध्या ले जाया जा रहा है। इनमें सोने के शेषनाग भी शामिल हैं। जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
| Published : Aug 02 2020, 03:58 PM IST / Updated: Aug 02 2020, 04:15 PM IST
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प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी के साथ बीएचयू के ही प्रोफेसर विनय पांडेय और प्रोफेसर रामचंद्र पांडेय अयोध्या पहुंचेंगे। जहां पीएम मोदी शिलान्यास में विधिवत पूजन अर्चन के साथ इन्हें राम मंदिर की नींव में स्थापित करेंगे।
प्रोफेसर राधेश्याम पांडे ने कहा कि हम श्रीलंका की 16 स्थानों की पवित्र मिट्टी, 5 समुद्र और 15 नदियों का जल भी लाया हूं। मैं पैदल, साइकिल, ट्रेन, हवाई जहाज से यात्रा करके ये सब लाया हूं। मैंने 1968-2019 तक यात्रा करके ये सब इकट्ठा किया है।
भूमि पूजन कराने के लिए तीन आचार्य काशी से अयोध्या जा रहे हैं। वे अब भूमि पूजन में नींव के अंदर विराजित होने के लिए वाराणसी से ही सोने के शेषनाग, चांदी के कच्छप, चांदी के पांच बेलपत्र, सोने के वास्तुदेवता, सवा पाव चंदन और पंचरत्न जाएंगे। सभी बनकर तैयार हो गए हैं और काशी विद्धत परिषद के महामंत्री और बनारस हिंदू विश्वविदयालय के धर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर डॉ रामनारायण दिवेदी के पास पहुंच गए हैं।
प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि पहले सबकुछ बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाएगा। फिर, प्रसाद स्वरूप लेकर जाकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर की नींव में पीएम मोदी इसे स्थापित करेंगे।
काशी विद्धत परिषद के महामंत्री प्रो राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि सोने के शेषनाग, चांदी के कच्छप, चांदी के पांच बेलपत्र, सोने के वास्तुदेवता, सवा पाव चंदन और पंचरत्न सब तैयार हो गए हैं। अब इन्हें बाबा विश्वनाथ को अर्पित कर प्रसाद के रूप में अयोध्या लेकर जाएंगे।