उन्नाव रेप कांड: गंगा के घाट पर मातम का 'पहरा'
| Published : Jul 31 2019, 12:15 PM IST
उन्नाव रेप कांड: गंगा के घाट पर मातम का 'पहरा'
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उन्नाव. रेप पड़िता की चाची का शव बुधवार को पुलिस उन्नाव लेकर पहुंची थी। इसके बाद शुक्लागंज गंगाघाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। हाइकोर्ट ने पीड़िता के चाचा को इसके लिए 12 घंटे की पैरोल दी है। वे आर्म्स एक्ट में रायबरेली जेल में बंद हैं। पुलिस रायबरेली जेल से चाचा को सीधे शुक्लागंज गंगाघाट पर लेकर पहुंची।
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अंतिम संस्कार के दौरान भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे। गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। अंतिम संस्कार के बाद पुलिस पीड़िता के चाचा को वापस रायबरेली जेल ले गई।
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इससे पहले पीड़िता के परिजन लखनऊ स्थित ट्रामा सेंटर में धरने पर बैठ गए थे। वे चाचा को पैरोल देने की मांग कर रहे थे। हालांकि पुलिस ने काफी जद्दोजहद के बाद दोनों शवों का लखनऊ में पोस्टमार्टम करा दिया था। लेकिन परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए घर में कोई पुरुष के न होने से परेशान था। उन्होंने रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा महेश की पैरोल मांगी थी। हालांकि यह मामला डीएम के अधिकार क्षेत्र से बाहर था, लिहाजा वकील अजेंद्र अवस्थी ने लखनऊ हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था। दोनों के शव मंगलवार को ही गांव पहुंच गए थे। पीड़िता की नानी और मामा भी गांव आ गए थे। इस दौरान गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा।
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एक्सीडेंट की कहानी: 28 जुलाई को रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी रेप पीड़िता। कार में उसकी मौसी, चाची और वकील भी थे। तभी गुरबख्शगंज में एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी थी। हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई। जबकि वकील और वो खुद घायल है। शुरुआती जांच में सामने आया था कि ओवरस्पीड के चलते यह हादसा हुआ। हालांकि आशंका थी कि जिस ट्रक ने कार को टक्कर मारी, उसकी नंबर प्लेट के साथ छेड़छाड़ की गई थी। इसलिए मामला संदिग्ध माना जा रहा था।
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ह है मामला: पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 2017 में नौकरी दिलाने के बहाने कुलदीप सेंगर ने अपने घर पर उसके साथ रेप किया था। घटना के करीब सालभर बाद अप्रैल 2018 में लड़की ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निवास के बाहर आग लगाकर जान देने की कोशिश की थी।
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इस सब घटनाक्रम के बीच पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। उन्हें आर्म्स एक्ट में अरेस्ट किया गया था। आरोप है कि उन्हें सेंगर के भाई ने पीटा था। इसके बाद तो जैसे राजनीति भूचाल आ गया। था।
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पावरफुल MLA हैं कुलदीप सेंगर: सेंगर 2002 में कांग्रेस से एमएलए बने थे। 2007 में सेंगर बीएसपी से बांगरमऊ के एमएलए बने। 2012 का विधानसभा चुनाव सपा से लड़ा और जीते। फिर 2017 में बांगरमऊ सीट पर भाजपा की तरफ से खड़े हुए और चौथी बार जीत हासिल की।