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उन्नाव मामला: न्याय की लड़ाई में जिंदगी से संघर्ष कर रही पीड़िता, अब तक नहीं खोलीं आंखें
| Published : Jul 30 2019, 02:20 PM IST / Updated: Jul 30 2019, 03:02 PM IST
उन्नाव मामला: न्याय की लड़ाई में जिंदगी से संघर्ष कर रही पीड़िता, अब तक नहीं खोलीं आंखें
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लखनऊ. उन्नाव रेप कांड की पीड़िता को अब भी होश नहीं आया है। वो जिंदगी-मौत के बीच झूल रही है। हादसे में उसके सिर, सीने और पैर में कई फ्रैक्चर हैं। उसे लाइफ सपोर्ट पर रखा गया है। इस बीच एक्सीडेंट में मारी गई उसकी चाची और मौसी के अंतिम संस्कार के लिए चाचा को पैरोल मिल गई है। बुधवार को उसे रायबरेली की जिला जेल से उन्नाव लाया जाएगा। अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करने के बाद वापस उसे जेल ले जाएंगे। परिवार में कोई बड़ा न होने के कारण चाची और मौसी का अंतिम संस्कार रुका हुआ था। इससे पहले मंगलवार को पीड़िता का परिवार ट्रामा सेंटर के बाहर धरने पर बैठ गया था। वो लोग चाचा को पैरोल देने की मांग कर रहे थे। उधर, इस मामले को लेकर अब बालीवुड से लेकर हर जगह लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है।
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एक्सीडेंट एक साजिश: रविवार को पीड़िता की कार को एक ट्रक ने टक्कर मारी थी। इसमें पीड़िता की चाची-मौसी और कार ड्राइवर की मौत हो गई थी। जबकि पीड़िता और उसका वकील गंभीर घायल हैं। उनका लखनऊ के ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। इस एक्सीडेंट को लेकर कई सवाल खड़े हो गए थे। आशंका जताई जा रही थी कि विधायक कुलदीप सेंगर ने इस एक्सीडेंट की साजिश रची थी। बरहाल, सोमवार को पीड़िता के चाचा की शिकायत पर गुरुबख्शगंज थाने में सेंगर सहित 10 लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया है। एक्सीडेंट की कहानी: 28 जुलाई को रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी रेप पीड़िता। कार में उसकी मौसी, चाची और वकील भी थे। तभी गुरबख्शगंज में एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी थी। हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई। जबकि वकील और वो खुद घायल है। शुरुआती जांच में सामने आया था कि ओवरस्पीड के चलते यह हादसा हुआ। हालांकि आशंका थी कि जिस ट्रक ने कार को टक्कर मारी, उसकी नंबर प्लेट के साथ छेड़छाड़ की गई थी। इसलिए मामला संदिग्ध माना जा रहा था।
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यह है मामला: पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 2017 में नौकरी दिलाने के बहाने कुलदीप सेंगर ने अपने घर पर उसके साथ रेप किया था। घटना के करीब सालभर बाद अप्रैल 2018 में लड़की ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निवास के बाहर आग लगाकर जान देने की कोशिश की थी।
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इस सब घटनाक्रम के बीच पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। उन्हें आर्म्स एक्ट में अरेस्ट किया गया था। आरोप है कि उन्हें सेंगर के भाई ने पीटा था। इसके बाद तो जैसे राजनीति भूचाल आ गया। था।
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पावरफुल MLA हैं कुलदीप सेंगर: सेंगर 2002 में कांग्रेस से एमएलए बने थे। 2007 में सेंगर बीएसपी से बांगरमऊ के एमएलए बने। 2012 का विधानसभा चुनाव सपा से लड़ा और जीते। फिर 2017 में बांगरमऊ सीट पर भाजपा की तरफ से खड़े हुए और चौथी बार जीत हासिल की।