यूपी में 20 अप्रैल से इन क्षेत्रों में मिलेगी छूट, सरकार की गाइड लाइन जारी
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सरकारी कार्यालयों को 20 अप्रैल 2020 से खोले जाने के संबंध में शासन ने जो निर्देश जारी किए हैं। उसके मुताबिक पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, अग्निशमन आकस्मिक सेवाएं, आपदा प्रबंधन, कारागार, नगर निकाय बिना किसी प्रतिबंध के यथावत अपने कार्यों को करेंगे।
प्रदेश के सभी विभागाध्यक्ष एवं समूह क तथा ख के सभी अधिकारी कार्यालयों में उपस्थित रहेंगे। कार्यालयों में प्रत्येक कार्य दिवस में समूह ग एवं घ के जरूरत के अनुसार 33 प्रतिशत तक कर्मचारी ऑफिस आएंगे। विभागाध्यक्षों के स्तर से आवश्यकता का निर्धारण करते हुए रोस्टर तय किया जाएगा।
जिला प्रशासन ट्रेजरी के कार्यों के संपादन के लिए आवश्यकता अनुसार कार्मिक को शासकीय कार्य के लिए नियोजित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य के रेजिडेंट कमिश्नर कार्यालयों को तथा आंतरिक किचन के संचालन के लिए उक्त प्रतिबंधों के साथ किया संचालित किया जाए।
वन विभाग के कार्मिकों के संचालन एवं प्रबंधन पौधशालाओं, वन्यजीव, जंगलों में आगनिरोधी उपायों या सिंचाई के कार्यों तथा पेट्रोलिंग एवं आवश्यक वाहन सेवाओं में जुड़े लोग अपने कार्यों को करते रहेंगे । संक्रमण से प्रभावित क्षेत्रों (हॉटस्पॉट) में कार्यालयों को बंद किए जाने के संबंध में जिला प्रशासन स्तर से अलग से निर्णय लिया जाएगा।
यूपी इंडस्ट्रीज के लिए भी आदेश जारी किए गए हैं। जिसके मुताबिक रिफाइनरी, सीमेंट, रसायन, उर्वरक उद्योगों को भी चलाने की अनुमति होगी। वस्त्र उद्योग परिधान को छोड़कर, फाउंड्रीज, पेपर, टायर, चीनी मिलें को चलाने की भी अनुमति होगी। कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट को भी चलाने की अनुमति होगी।
प्रथम चरण में अधिकतम 50 प्रतिशत श्रमिकों की संख्या के साथ चलाने की अनुमति होगी। केवल इकाइयों को चलाने की अनुमति प्रतिबंधों के साथ दी गई है। प्रधान, प्रशासनिक कार्यालयों को खोलने की अनुमति नहीं होगी। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में इकाइयां चलाने की अनुमति लागू नहीं होगी।
औद्योगिक परिसर स्थल का गाइड लाइन के अनुसार सैनिटाइजेशन कराया जाएगा। श्रमिकों की संख्या के अनुसार स्क्रीनिंग थर्मल स्कैनर से की जाए। इकाई पर सैनिटाइजर मास्क पानी की व्यवस्था सुनिश्चित कराना होगा। किसी भी कर्मी को संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर जिला प्रशासन को सूचित करना होगा।
मनरेगा के तहत कामों को भी अनुमति दी गई है। सार्वजनिक उपयोगिता के क्षेत्र भी खुले रहेंगे। माल एवं वस्तुओं के यातायात और उनके लोडिंग अनलोडिंग की अनुमति भी रहेगी। इसके अलावा निर्माण से संबंधित गतिविधियां भी कुछ शर्तों के साथ शुरू होंगी।