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45 दिन से बिहार में फंसे UP के बाराती, दूल्हे के घरवालों को पड़ोसी खिला रहे खाना; दुल्हन दे रही पैसे
कानपुर (Uttar Pradesh) । लॉकडाउन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चौबेपुर कस्बे से तो बिहार के बेगूसराय गई बारात 45 दिनों से वहीं फंसी है। दूल्हा समेत 10 बाराती लड़की वालों के वहां ठहरे हैं। लड़के वालों के पास जब पैसे खत्म हो गए तो दुल्हन ने अपने खाते से दो हजार रुपये निकालकर शौहर को दिए। इतना ही नहीं दोनों पक्ष लोग एक दूसरे की मदद कर पेट भर रहे हैं। ट्रेन से गई बारात को अब रेल सेवाएं बहाल होने का इंतजार है। वहीं, दूल्हे के घर पर उसकी बहन दो बच्चों व रिश्तेदार के साथ हैं। अब इनके पास भी पेट भरने के लिए राशन नहीं बचा है। ऐसे में पड़ोसी भोजन दे रहे हैं।
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चौबेपुर के हकीम नगर मोहल्ले से महबूब खान के बेटे इम्तियाज का निकाह बेगूसराय के देहलिया फतेहपुर गांव की खुशबू खातून के साथ तय हुआ था।
बारात में दूल्हा इम्तियाज, पिता महबूब, मां शरीना बेगम, दूल्हे के खालू (मौसा) मझवन निवासी जलील खान, बहनोई नदीम नाजीन, मासूम नुजन, बिचवानी रियाज अहमद व पड़ोसी अकरम 20 मार्च की शाम को ट्रेन से बिहार गए।
21 मार्च को निकाह की रस्म अदा की गई। सभी को अगले दिन दुल्हन के साथ लौटना था। 22 जनता कर्फ्यू लग गया। इसके बाद लॉकडाउन के चलते आवागमन बंद कर दिया गया।
चौबेपुर में दूल्हे की बहन आफरीन के मुताबिक लड़की के माता-पिता नहीं होने के कारण मामा हवीब ने शादी तय की थी। लड़की पक्ष ने दस दिन खाना खिलाने के बाद हाथ खड़े कर दिए।
अब महबूब बारात का खर्च उठा रहे हैं। चौबेपुर में बारात वापसी के बाद घर में होने वाले दावत-ए-वलीमा की तैयारी भी धरी रह गईं। लगातार परिवार के लोग बारात में गए लोगों से फोन से संपर्क कर रहे हैं।
दूल्हे के घर पर उसकी बहन आफरीन दो बच्चों व रिश्तेदार नूरजहां, असरत के साथ हैं। अब इनके पास भी पेट भरने के लिए राशन नहीं बचा है। ऐसे में पड़ोसी भोजन दे रहे हैं।