MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Uttar Pradesh
  • कौन होगा अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष, इन दावेदारों का नाम सबसे आगे, कोई जूना अखाड़े का प्रमुख तो कोई...

कौन होगा अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष, इन दावेदारों का नाम सबसे आगे, कोई जूना अखाड़े का प्रमुख तो कोई...

25 अक्टूबर को चुनाव के बाद अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष मिल जाएगा। निरंजनी और महानिर्वाणी अखाड़े की दावेदारी सबसे मजबूत है। दावेदारों में  कई और नाम भी शामिल हैं।

4 Min read
Satyam Bhardwaj
Published : Oct 07 2021, 10:46 PM IST| Updated : Oct 07 2021, 10:47 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
17

प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद सवाल उठा रहा था कि अब अखाड़ा परिषद की कमान किसके हाथ में जाएगी? सब कुछ ठीक रहा तो 25 अक्टूबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को नया अध्यक्ष मिल जाएगा।  प्रयागराज में अखाड़ा परिषद की सुबह 11 बजे बैठक होगी। निरंजनी अखाड़े के मुख्यालय में होने वाली इस बैठक में नया अध्यक्ष चुना जाएगा। अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरी गिरि ने यह बैठक बुलाई है। चूंकि अखाड़े उस धर्म ध्वजा के वाहक हैं जो सनातन धर्म की रक्षा करते हैं इसलिए इसके प्रमुख के रूप में कौन चुना जाएगा, इसपर सबकी नजर है।

27

सहमति नहीं बनी तो होगी वोटिंग
सभी 26 सदस्यों की सर्वसम्मति से नए अध्यक्ष का चयन का प्रयास रहेगा लेकिन अगर अध्यक्ष चुनने अखाड़ों में एक राय नहीं रही तो चुनाव भी कराया जा सकता है। आम सहमति नहीं होने पर वोटिंग के जरिए अध्यक्ष चुना जाएगा। महंत हरी गिरि ने दावा किया है कि अब तक कई अखाड़े अनौपचारिक रूप से अपनी दावेदारी कर चुके हैं। महामंत्री हरी गिरी ने कहा कि संभावित दावेदारों की संख्या ज्यादा होने से आम सहमति बनाने का काम थोड़ा मुश्किल होगा। अखाड़ा परिषद का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से होता है, ऐसे में सभी को अपनी दावेदारी जताने का पूरा अधिकार है। वैसे तीनों वैष्णव अखाड़े फिलहाल अखाड़ा परिषद से अलग हैं। वैष्णव अखाडों ने भी अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की है।

37

प्रबल दावेदार कौन?
सूत्रों के मुताबिक, अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष के तौर पर निरंजनी और महानिर्वाणी अखाड़े सबसे मजबूत दावेदारी है। इन्हीं दोनों अखाड़ों में से किसी एक के पास अध्यक्ष का पद जा सकता है। दोनों ही अखाड़ों के सचिवों का नाम महंत रवींद्र पुरी है। इन्हीं दोनों महंतों में से किसी एक को अध्यक्ष बनाए जाने की सबसे ज्यादा संभावना है। वहीं वैष्णव अखाड़ों का कहना है कि अगर उन्हें अध्यक्ष का पद दिया जाता है तो वह फिर से अखाड़ा परिषद में वापसी करेंगे।

47

चर्चा में कई और नाम
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के तौर पर नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी के रूप में कुछ नाम चर्चा में भी हैं। सबसे बड़ा नाम महंत हरि गिरि का बताया जा रहा है। हरि गिरि इस समय अखाड़ा परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री हैं। अखाड़ा परिषद में नरेंद्र गिरि के बाद हरि गिरि को ही सबसे ताकतवर माना जाता है। इस बात से इनकार नहीं किया का सकता कि हरि गिरि की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

57

महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि भी अध्यक्ष पद के लिए एक प्रमुख चेहरा बताए जा रहे हैं। उनके व्यक्तित्व को देखते हुए कहा जा रहा है कि उनकी स्वीकार्यता सबसे ज्यादा हो सकती है। दरअसल नरेंद्र गिरि निरंजनी अखाड़े के महंत थे और आमतौर पर एक अखाड़े के बाद दूसरे अखाड़े को ही वरीयता दी जाती है। इसलिए अवधेशानंद गिरि की दावेदारी मजबूत बताई जा रही है। दूसरी वजह ये है कि सीधा संबंध न होने के बावजूद शासन सत्ता की राय को इसमें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

67

महंत राजेंद्रदास 
निर्मोही अखाड़े के राजेंद्र दास का नाम भी चर्चा में है। उन्होंने तो अपनी दावेदारी भी ठोंक दी है। श्रीमहंत राजेंद्र दास जी ने कहा कि हमारे 3 अखाड़ों में से किसी एक को अध्यक्ष बनाया जाए। वैष्णव अखाड़ों में श्रीनिर्मोही अनी, श्रीनिर्वाणी अनी और श्रीदिगंबर अनी अखाड़ा शामिल हैं। अध्यक्ष पद न मिलने पर वैष्‍णव अखाड़े खुद को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग कर लेंगे। उन्होंने कहा कि वे 2002 से निर्मोही अखाड़े का अध्यक्ष हैं इसलिए वे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के सबसे प्रबल दावेदार हैं।

77

1954 में बना था अखाड़ा परिषद
13 प्रमुख अखाड़ों को मिलाकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद बनती है। ये 13 अखाड़े चार संप्रदायों में बंटे हैं। इन 13 अखाड़ों में 7 संन्यासी और 3 बैरागी संप्रदाय के हैं। हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान 2019 में नरेंद्र गिरि को परिषद का दोबारा अध्यक्ष और महंत हरी गिरि को दोबारा महामंत्री बनाया गया था। 
आदि शंकराचार्य के बनाए सभी अखाड़ों को एकजुट करने के लिए 1954 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का गठन किया गया था। साधु-संतों की इस सर्वोच्च परिषद में हर अखाड़े के महात्माओं का प्रतिनिधित्व होता है। परिषद में अध्यक्ष व महामंत्री का पद प्रभावशाली होता है। इस समय 13 अखाड़े ही हैं जिनकी मान्यता है। इनमें जूना, निरंजनी, महानिर्वाणी, अग्नि, अटल, आह्वान व आनंद संन्यासी अखाड़े माने जाते हैं। वैष्णव अर्थात वैरागियों के अखाड़े दिगंबर अनी, निर्वाणी अनी और निर्मोही अनी हैं, जबकि उदासीन के अखाड़ों में बड़ा उदासीन, नया उदासीन व निर्मल शामिल हैं।

About the Author

SB
Satyam Bhardwaj
सत्यम भारद्वाज। 2017 से जर्नलिज्म की फील्ड में काम कर रहे हैं, 8 साल का अनुभव। अक्टूबर 2021 से एशियानेट न्यूज हिंदी से जुड़कर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री हासिल की है। पॉलिटिकल न्यूज, नेशनल न्यूज, बिजनेस-टेक और ऑटो, क्राइम और फीचर स्टोरीज में खास इंट्रेस्ट है। अलग-अलग मीडिया इंस्टीट्यूशन और कई पब्लिक रिपोर्ट्स बनाने का अनुभव।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved