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विकास दुबे एनकाउंटर: योगी सरकार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, खारिज हुई न्यायिक जांच की याचिका
लखनऊ(Uttar Pradesh). कानपुर शूटआउट मामले के मास्टरमाइंड विकास दुबे के एनकाउंटर मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से राहत मिली है। सोमवार को कोर्ट ने सरकार के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका नंदिता ठाकुर की तरफ से दायर की थी जिसे लेकर कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि कोर्ट आयोग बनाकर सिटिंग जज या रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच कराए।
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मामले में जांच की याचिका के जवाब में सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन पहले ही कर दिया गया है। सीनियर आईएएस की अध्यक्षता में एसआईटी बना दी गई है और पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस पंकज जायसवाल और जस्टिस करुणेश पवार ने फैसला दिया कि एसआईटी और आयोग से कानपुर मामले जांच जारी है। कोर्ट ने नंदिता ठाकुर से कहा कि आपकी मांगें मानी जा चुकी हैं याचिका खारिज की जाती है।
इसके अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्यूडिशियल इंक्वायरी की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। जनहित याचिका में कोर्ट से मॉनिटरिंग की भी मांग की गई है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभा शंकर मिश्रा की ओर से दाखिल इस जनहित याचिका पर सुनवाई की स्वीकृति चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने दे दी है। 15 जुलाई को इस जनहित याचिका पर सुनवाई होगी।
राज्य सरकार ने बताया कि जांच आयोग 2 जुलाई को अपराधी विकास दुबे व उसके सहयोगियों द्वारा की गई घटना जिसमे आठ पुलिसकर्मियों की हत्या हुई थी व अन्य कर्मी घ्यायल हुए थे उनकी गहनतापूर्वक जांच करेगा।
जांच आयोग 10 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए मुख्य आरोपी विकास दुबे व अलग-अलग स्थानों पर एनकाउंटर में मारे गए उसके साथियों की मौत की भी जांच करेगा।