करोड़ों साल पहले आसमान से गिरे पत्थर की कीमत निकली 50 लाख, जानिए क्या है 'एलियन' पत्थर?
हटके डेस्क. कहते हैं कि अंतरिक्ष रहस्यों से भरा हुआ है। यहां लाखों ग्रह, उल्कापिंड गेंद की तरह तैरते नजर आते हैं। इसी में आपने कभी क्रिस्टल बॉल्स के बारे में सुना होगा। कांच से बने एक गोले जैसे क्रिस्टल बॉल्स में उल्कापिंड और अंतरिक्ष से गिरे एलियन पत्थर लगे होते हैं। इनमें से कुछ पत्थर चमकदार तो कुछ खुरदुरे होते हैं। ये पत्थर करोड़ों साल पुराने होते हैं जो जिन्हें कांच की गेंद जैसी शक्ल दे दी जाती है। इन पत्थरों की नीलामी पर ये लाखों में बिक जाते हैं। ऐसे ही एक खूबसूरत और बेहद दुर्लभ एलियन क्रिस्टल बॉल हो रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस पत्थर की कीमत 50 लाख तक पहुंच गई है। आइए जानते हैं कि इसमें ऐसा खास क्या है?
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मशहूर ऑक्शन हाउस क्रिस्टीज (Christie's) दुनिया भर में गिरे उल्कापिंड और अंतरिक्षीय पत्थरों के टुकड़ों से बनाए गए इस क्रिस्टल बॉल की नीलामी कर रही है। नीलामी की प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू हो चुकी है। ये 5 फरवरी को शुरू हुई थी और 23 फरवरी तक यह ऑनलाइन नीलामी चलेगी। तो जिस किसी को इसे खरीदने का मन हो वो क्रिस्टीज की साइट पर जाकर प्रयास कर सकता है।
इस क्रिस्टल बॉल में ज्यादातर पत्थर सिमचैन उल्कापिंड (Seymchan Meteorite) के हैं। ये उल्कापिंड साइबेरिया में जून 1967 को गिरा था। इसके अलावा इसमें कई बेशकीमती एलियन पत्थर लगे हैं। एलियन का मतलब ये नहीं कि किसी एलियन दुनिया से आए, बल्कि उस जगह से जिसकी जानकारी या तो इंसानों को है नहीं, या फिर कम है।
इसके अलावा इस क्रिस्टल बॉल में 30 जून 1957 में ब्राजील के इबित्रा में गिरे उल्कापिंड के टुकड़े लगे हैं। इसके अलावा माली के सहारा रेगिस्तान में 16 इंट के उल्कापिंड के टुकड़े भी लगे हैं। इस उल्कापिंड का वजन 2 किलोग्राम था। ऑक्शन हाउस क्रिस्टीज (Christie's) का मानना है कि ये क्रिस्टल बॉल 350,000 डॉलर्स यानी 2.54 करोड़ रुपए तक नीलाम हो सकता है। फिलहाल इसकी बोली कुछ डॉलर्स से शुरू होकर अभी 70 हजार डॉलर्स यानि करीब 50.49 लाख रुपए पर टिकी है।
नीलामी की प्रक्रिया से पहले द मेटियोरिटिकल सोसाइटी द्वारा इस टुकड़ों की जांच की गई है। ताकि ये पुख्ता किया जा सके कि ये ओरिजिनल एलियन पत्थर हैं। जिन्हें इस क्रिस्टल बॉल में गढ़ा गया है। इन पत्थरों को जांचने के लिए हीरे को जांचने जैसा पैमाना तय किया गया है। हीरे को चार C पर परखा जाता है जिसमेंपहला Carat है, दूसरा Color, तीसरा Clarity और चौथा Cut होता है।
क्रिस्टीज के साइंस एंड नेचुरल हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रमुख जेम्स हिसलोप ने बताया कि उल्कापिंडों के पत्थरों को चार S पर मापा जाता है। पहला Size, दूसरा Shape, तीसरा Story और चौथा Science अंतरिक्ष से गिरने वाले बड़े पत्थर छोटे पत्थरों की तुलना में ज्यादा कीमती माने जाते हैं। क्योंकि उनमें से प्रचुर मात्रा में रिसर्च के लिए मैटेरियल मिलता है। ये महंगे बिकते भी हैं।
इनकी कीमत इसलिए ज्यादा होती है क्योंकि इनसे ये पता चलता है कि हमारा सूरज, चंद्रमा, अन्य ग्रह कैसे बने। इसलिए इनकी कीमत बढ़ जाती है। अगर कोई दुर्लभ पत्थर हाथ लग जाए तो आप उसे बेचकर करोड़पति भी हो सकते हैं। हर मेटेयोराइट्स के अंदर एक नया रहस्य छिपा होता है। बस जरुरत होती है उसे समझने की।
इस क्रिस्टल बॉल में कुछ पत्थर उस उल्कापिंड के भी लगे हैं जो साइबेरिया के सिखोटे एलिन पहाड़ पर 12 फरवरी 1947 में गिरा था। कई बार ऐसा भी होता है कि कोई पत्थर टेढ़ा। अजीबो-गरीब आकार का है। लेकिन जब वह वायुमंडल में प्रवेश करता है तो घर्षण की वजह से वह गोल बॉल के जैसा हो जाता है। अब ऐसे बॉल्स तो नीलाम नहीं किए जा सकते। इसलिए क्रिस्टीज ने एक क्रिस्टल बॉल में ऐसे पत्थरों को जड़ा है।