इसलिए मार दी गईं 20 लाख मुर्गियां!
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अमेरिका में कोरोना ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। अमेरिका में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है। अभी तक यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 6 लाख 78 हजार पार कर चुकी है। साथ ही मरने वालों का आंकड़ा भी 34 हजार के पार है।
इस बीच अमेरिका के डेलावेर में एक मीट फैक्ट्री ने 20 लाख मुर्गियों को मारने का फैसला किया है। मुर्गियां कंपनी को नुकसान में ले जा रही थीं। इन्हें खिलाने- पिलाने में कंपनी का काफी पैसा लग रहा था।
डेलावेर में एक पोर्क फैक्ट्री के कई मजदूरों को वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद से कई वर्कर्स ने कंपनी में आना बंद कर दिया है। लेकिन जिनके परिवार का गुजारा फैक्ट्री इनकम से होता हैं, वो अब भी फैक्ट्री आ रहे हैं।
यहां कोरोना फ़ैलाने में सबसे बड़ा हाथ मीट फैक्ट्रीज का ही है। अमेरिकी फ़ूड सप्लाई कंपनियां ही कोरोना का हॉटस्पॉट बन रही हैं।
कोरोना के बाद मीट की डिमांड में गिरावट आई है। जिसकी वजह से कंपनियों को चिकन, या पोर्क की सप्लाई आधी करनी पड़ी। ऐसे में फैक्ट्री में मौजूद चिकन मर रहे हैं। जिससे कई तरह की बीमारियां फ़ैल सकती हैं।
इस बात को ध्यान में रखते हुए अब एलन हारीम के मेंबर ने बताया कि कोरोना के कारण उन्हें 20 लाख मुर्गियों को मारना पड़ा।
इस खबर के बाहर आने के बाद पेटा का ध्यान इस और गया। अब वो ये जानना चाहते हैं कि इतनी मुर्गियों को आखिर किस तरह मारा गया।
यहां अभी तक लॉकडाउन नहीं किया गया है। जबकि यहां कोरोना संदिग्धों के मामले तेजी से बढ़े हैं। फिर भी इसे लॉकडाउन नहीं किया गया है।
स्टेट में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या के बावजूद गवर्नर क्रिस्टी नोएम ने साफ़ किया कि फैक्ट्रीज खुले रहेंगे और अभी वर्क फ्रॉम होम का कांसेप्ट नहीं रहेगा।
कंपनी ने साफ किया कि मारी गई मुर्गियों का मीट प्रोसेस नहीं किया जाएगा। यानी उन्हें किसी तरह कंज्यूम नहीं किया जाएगा।