अब फैलेगा कोरोना से भी 100 गुना खतरनाक वायरस, मुर्गियां ले लेगी आधी आबादी की जान
हटके डेस्क: अभी दुनिया कोरोना से जंग लड़ ही रही है। देखते ही देखते चीन से निकले इस वायरस ने 3 लाख 67 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली। अभी भी इस वायरस का आतंक खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में और कितनी जानें इस वायरस के कारण जाएगी, कहा नहीं का सकता। कोरोना का इलाज ढूंढने में कई देश लगे तो हैं, लेकिन सफलता कब मिलेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है। अब अमेरिका के एक साइंटिस्ट ने दावा किया है कि जल्द ही दुनिया में कोरोना से भी 100 गुना अधिक खतरनाक वायरस फैलने वाला है। इस साइंटिस्ट ने दावा किया है कि ये वायरस दुनिया की आधी आबादी की जान ले लेगा। इस बार कोरोना से भी भयंकर इस वायरस को फैलाने में हाथ होगा मुर्गियों का...
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जब दुनिया को उम्मीद जगी कि जल्द ही कोरोना खत्म हो जाएगा और इसकी दवाई जल्दी बन जाएगी, तभी अमेरिका के साइंटिस्ट और मेडिकल गुरु डॉ माइकल ग्रेगर ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया। अपनी एक किताब में उन्होंने लिखा कि दुनिया में अभी कोरोना से भी 100 गुना अधिक खतरनाक वायरस फैलने वाला है, वो भी मुर्गियों से।
डॉ माइकल ने अभी तक कई संक्रमित बीमारियों पर रिसर्च की है। उन्होंने अपनी 500 पन्नों की किताब में लिखा कई जब तक इंसान जानवरों को खाएगा, और उसके करीब रहेगा तब तक ये बीमारियां फैलती रहेगी।
डॉ माइकल ने लोगों से शाकाहारी होने की रिक्वेस्ट की। उन्होंने कहा कि मीट किसी भी रूप में खाना खतरनाक ही है। कोरोना फैलाने का श्रेय जहां चमगादड़ को जाता है वहीं इससे पहले सार्स का भी कनेक्शन जानवरों से ही था।
अब इस साइंटिस्ट ने कहा है कि चीन और अमेरिका में बॉयलर चिकन का बिजनेस काफी तेजी से फैला है। लोग जिस हिसाब से चिकन खा रहे हैं, आने वाले समय में इन मुर्गियों से जो महामारी फैलेगी, वो कोरोना से भी 100 गुना अधिक खतरनाक होगी।
डॉ माइकल के मुताबिक, मुर्गियों से फैले इस महामारी की चपेट में आकर दुनिया की आधी जनसंख्या खत्म हो जाएगी। यानी कोरोना से अधिक लाशें मुर्गियों से पैदा हुआ ये वायरस बिछाएगा।
डॉ माइकल ने अपनी एक नयी किताब हाउ टू सर्वाइव अ पेंडेमिक यानी महामारी के दौरान खुद को कैसे बचाएं नाम से एक किताब लिखी है। इसी किताब में उन्होने इस आने वाली महामारी का जिक्र किया है।
हालांकि, इस वैज्ञानिक के इस दावे के समर्थन में कोई अन्य वैज्ञानिक नहीं आया है। लेकिन जिस आधार पर माइकल ने ये दावा किया है, उसे नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता।
डॉ माइकल ने लिखा कि 1997 में हांगकांग में फैले बर्ड फ्लू करीब 13 लाख मुर्गियों को मार दिया गया था। ऐसा करने के पीछे कारण था इन मुर्गियों से वायरस को फैलने से रोकना।
लेकिन ये वायरस खत्म नहीं हुआ। कई बार इस वायरस ने फिर से दस्तक दी। थोड़े समय बाद फिर इसपर कंट्रोल कर लिया जाता था लेकिन ये खत्म नहीं हो पाया।
ऐसे में डॉ माइकल ने किताब में लिखा कि अगर एक जगह पर मुर्गियों को यूं हिओ ठूसकर उसकी फार्मिंग की जाएगी, तो महामारी तो फैलेगी ही। इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन इस बार जो महामारी फैलेगी, वो दुनिया की आधी जनसंख्या को, या यूं कहें तो मांसाहारी जनसंख्या को खत्म कर देगी।