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मामूली पेट दर्द के इलाज के बदले अस्पताल ने थमाया 6 करोड़ रुपए का बिल, 5 साल से नहीं किया मरीज को डिस्चार्ज
हटके डेस्क: वैसे तो देश में पेट दर्द, सर दर्द जैसी समस्याओं के लिए लोग घरेलू नुस्खे ही अपना लेते हैं। लेकिन कुछ मामलों में लोग डॉक्टर के पास मदद के लिए पहुंचते हैं। डॉक्टर्स का काम होता है मरीज की समस्या को जल्द से जल्द दूर कर उसे राहत पहुंचाना। लेकिन कुछ डॉक्टर्स अपने स्वार्थ के लिए इन मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर देते हैं। अब बेंगलुरु में रहने वाली 33 साल की पूनम राना का ही मामला ले लीजिये। पांच साल पहले मामूली पेट दर्द की शिकायत लेकर वो अस्पताल आई थीं। लेकिन इलाज के नाम पर बीते पांच साल से वो अस्पताल में एडमिट है। अब तो 6 करोड़ रुपए का बिल भी उनके नाम पर जारी कर दिया गया है। अच्छी खासी सेहत बिगाड़ बढ़ाते गए बिल...
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पूनम राना का केस इन दिनों चर्चा में है। पूनम बीते पांच साल से मणिपाल अस्पताल में एडमिट है। उनका हॉस्पिटल बिल 6 करोड़ पार कर चूका है। सबसे हैरानी की बात है कि ये बिल पेट दर्द के इलाज के नाम पर बनाया गया है।
इस मामले को लेकर महिला के पति ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। के पति रेजिश नायर का कहना है कि पांच साल पहले उनकी पत्नी के पेट में हल्का दर्द हुआ। चेकअप के लिए दोनों अस्पताल आए। वहीं से ठगी की कहानी शुरू हुई।
अस्पताल ने बताया कि पूनम को पेट में सेप्सिस हो गया है। इसके इलाज के लिए पूनम की सर्जरी करनी पड़ेगी। साथ ही अस्पताल ने बताया कि पूनम के आंत में रिसाव भी हो रहा है, उसे भी रोकना जरुरी है।
ये बताकर पूनम को एडमिट करवा लिया गया। रेजिश के मुताबिक, इसी सर्जरी में डॉक्टर्स से कुछ बहुत बड़ी गलती हो गई, जिसके बाद पूनम की हालत बिगड़ती चली गई। जो महिला अपने पैरोँ पर चलकर अस्पताल आई थी, वो कोमा में चली गई।
पूनम के पति ने बताया कि इस सर्जरी के बाद डॉक्टर्स ने उसकी गलत मेडिकल हिस्ट्री बनाई। मेडिकल हिस्ट्री में लिखा है कि पूनम को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था जबकि वो खुद चलकर अस्पताल आई थी।
अस्पताल में बीते पांच साल से एडमिट पूनम के नाम से 6 करोड़ का बिल जारी किया गया है। रेजिश ने आरोप लगाया कि पैसे ठगने के लिए पूनम की हालत जानबूझकर खराब की गई। साथ ही अब बिल माँगा जा रहा है। पूनम के इलाज के लिए उसके पति को कई नौकरियां छोड़नी पड़ी।
वहीं अस्पताल का कहना है कि ये सारे आरोप गलत है। पूनम का पति बिल भरने के डर से बीते तीन साल से बीवी से मिलने नहीं आया। अस्पताल वाले उसका इलाज पिता की सहमति लेकर कर रहे हैं। साथ ही अस्पताल ने रेजिश पर स्टाफ और मैनेजमेंट को अपमानजनक मेल भेजने का आरोपी भी बताया।