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घने जंगलों में रहने वाले आदिवासियों ने बनाई कोरोना की दवा, इस काढ़े से ठीक हो रहे कबीले के बीमार मरीज
हटके डेस्क: चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना ने आज दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। इस वायरस ने अभी तक लाखों लोगों को संक्रमित कर दिया है साथ ही मरने वालों का आंकड़ा भी काफी ज्यादा है। कोरोना की वजह से कई देशों को लॉकडाउन किया गया है। शहरों में रहने वालों को तो कोरोना से बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं। फिर भी ये वायरस कण्ट्रोल से बाहर हो रहा है। जरा उन लोगों के बारे में सोचिये जो हर तरह की सुविधाओं से दूर घने जंगलों में रह रहे हैं। अमेजन के घने जंगलों में रहने वाले करीब 20 हजार आदिवासियों में कोरोना फ़ैल गया है। इन कबीले के लोगों को किसी तरह की मेडिकल सुविधा नहीं मिली है। इस कारण करीब 14 सौ की मौत भी हो गई है। लेकिन इन आदिवासियों ने खुद ही कोरोना की दवाई बना लेने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि चूंकि घने जंगल तक कोई डॉक्टर नहीं आ पाता, इस कारण उन्होंने खुद ही इसकी दवा बना ली।
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अमेजन में कुल 80 हजार से अधिक आदिवासी दुनिया की नजरों से दूर रहते हैं। ये लोग 300 अलग-अलग ग्रुप्स के सदस्य हैं।
इन कबीलों के लोग बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं रखते। लेकिन कुछ लोग जो कबीले की जरुरत का समान लेने बाहर जाते हैं, वो इस वायरस को शहर से कबीले तक ले आए।
ये लोग कोरोना मरीजों का इलाज अपने पूर्वजों के बताए तरीकों से कर रहे हैं। उनका दावा है की घरेलू नुस्खे से तैयार इन दवाइयों से लोग ठीक हो रहे हैं।
वाकिरु समुदाय के लोग कोरोना की दवाई बनाते हुए। इन दवाइयों को जंगल में मिलने वाली औषधियों से तैयार किया जाता है।
इनका दावा है कि कुछ ख़ास पेड़ की छालों और शहद की मदद से बनाई गई दवाइयां कोरोना मरीजों के ऊपर कारगर साबित हो रही है। लोग तेजी से इससे ठीक हो रहे हैं।
गांव में रहने वाली एक महिला और उसके बच्चे को कोरोना हो गया था। उसने बताया कि उसे साँस लेने में तकलीफ हो रही थी। साथ ही काफी कमजोरी हो रही थी। लेकिन जब उसने घरेलू सिरप पिया, तो उसे काफी आराम आया।
समुदाय के लोग अगर डॉक्टर्स की मदद लेना चाहते हैं. तो नजदीकी हेल्थ सेंटर्स चले जाते हैं। वरना घर बैठे ही वो अपना इलाज कर रहे हैं।
इन लोगों को इस जानलेवा वायरस के बारे में कुछ भी नहीं पता था। अचानक जब कई लोगों की मौत हो गई तो उन्होंने बड़े कब्रिस्तान बनाने शुरू किये।
अब इन आदिवासियों का दावा है कि उन्होंने कोरोना को हारने के लिए दवा बना ली है। साथ ही मरीजों की संख्या भी अब कम हो रही है।