6 हजार रुपए में बना दी ऐसी मशीन, जो बिना फसलों को नुकसान पहुंचाए खरपतवार नष्ट कर देती है
इस संसार में इंसान के दिमाग से तेज कोई दूसरी चीज नहीं चल सकती। इस दुनिया में जो कुछ आविष्कार दिखता है, वो इंसान की दिमाग की ही उपज है। कहते हैं कि संकट में ही समाधान छुपा होता है। यह मशीन भी परेशानी सामने आने के बाद ईजाद हुई। आमतौर पर खरपतवार को नष्ट करने ऊपर से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाता है। इससे फसलों को भी नुकसान पहुंचता है। इस समस्या को देखते हुए बिहार के सबौर स्थित एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी ने एक जुगाड़ से एक ऐसी मशीन बनाई, जो जमीन से सटकर दवा का छिड़काव करती है। कह सकते हैं कि जैसे फर्श पर पोछा लगाते हैं, यह मशीन भी वैसे ही काम करती है। इस मशीन को हर्बीसाइड एप्लीकेटर (Herbicide Applicator) नाम दिया गया है। संस्थान के इंजीनियर सतीश कुमार बताते हैं कि इस मशीन को कोई भी आसानी से चला सकता है। जैसे किसी बच्चे की ट्रॉली चलाई जाती है। इसमें एक टैंक है, जिसमें कीटनाशक भरा जाता है। यह एक पाइप के जरिये ड्रिपर तक जाता है। इससे कीटनाशक सीधे खरपतवार तक न जाकर पहले नीचे लगे फोम में छिड़कता है और फिर फोम घास के साथ रगड़ खाकर आगे बढ़ती है। आगे पढ़ें इसी मशीन के बारे में...
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इस मशीन को हर्बीसाइड एप्लीकेटर (Herbicide Applicator) नाम दिया गया है। संस्थान के इंजीनियर सतीश कुमार बताते हैं कि इस मशीन को कोई भी आसानी से चला सकता है। जैसे किसी बच्चे की ट्रॉली चलाई जाती है।
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इसमें एक टैंक है, जिसमें कीटनाशक भरा जाता है। यह एक पाइप के जरिये ड्रिपर तक जाता है। इससे कीटनाशक सीधे खरपतवार तक न जाकर पहले नीचे लगे फोम में छिड़कता है और फिर फोम घास के साथ रगड़ खाकर आगे बढ़ती है।
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इस मशीन के जरिये एक से डेढ़ घंटे में करीब एक एकड़ा जमीन पर दवा का छिड़काव किया जा सकता है। यानी यह छोटे किसानों के लिए फायदेमंद है।
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इस मशीन का निर्माण इंजीनियर अशोक कुमार ने किया है। यह मशीन मक्का और सब्जियों पर काफी असरकारक है।
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इस मशीन के निर्माण पर मुश्किल से 6 हजार रुपए का खर्चा आया। यानी यह खरतपवार नाशक मशीन छोटे किसानों के लिए फायदेमंद है।
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