अगले महीने हो जाएगा कंफर्म, बनेगी या नहीं कोरोना की वैक्सीन, अब सबकी नजर JUNE पर
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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर सर जॉन बेल ने बताया कि इंसानों पर किये गए वैक्सीनेशन टेस्ट का नतीजा जून में आ जाएगा। तब पता चल जाएगा कि कोरोना का इलाज मिल पाएगा या नहीं?
उन्होंने बताया कि अभी तक सैंकड़ों लोगों को ये वैक्सीन दी जा चुकी है। इनकी बॉडी इस वैक्सीन पर कैसे रियेक्ट करती है, इसका नतीजा जून में आएगा।
इंपेरियल लंदन की टीम अगले महीने वैक्सीन लगाए गए इंसानों को टेस्ट करेगी और देखेगी कि इंसानों पर इस वैक्सीन का क्या असर पड़ रहा है।
67 साल के प्रोफेसर सर जॉन बेल ने BBC को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि अगर इंसानों में ये ट्रायल सफल होता है, तो फिर अगला चैलेंज होगा दुनिया में इस वायरस को खत्म करने वाले इस वैक्सीन का उत्पादन करना।
डॉ बेल ने बताया कि ये वैक्सीन ना सिर्फ यूके के लिए बनेगा, बल्कि दुनिया के बाकी देशों को भी कोरोना से बचाने के लिए इसका निर्माण किया जाएगा।
उनके मुताबिक, यूके में जितने कोरोना संक्रमित हैं, उतने लोगों के लिए वैक्सीन बनाने की क्षमता यूके के पास नहीं है। ऐसे में उन्हें दूसरे पार्टनर की जरुरत पड़ेगी।
साथ ही प्रोफ़ेसर ने इस वैक्सीन के ट्रायल से जुड़ी एक चेतावनी भी जारी की है। डॉ बेल के मुताबिक, ट्रायल में सैंकड़ों लोगों को इंजेक्शन दिया तो गया है लेकिन अगर इसका नेगेटिव इफ़ेक्ट पड़ा, इन लोगों के ट्रीटमेंट की कोई गारंटी नहीं है।
यूके में कोरोना ने भारी तबाही मचाई है। इस वायरस को लेकर देश के पीएम ने भी आशंका जताई थी कि शायद इस वायरस का कोई इलाज ना मिल पाए।
जबकि देश के चीफ साइंटिफिक एडवाइजर सर पैट्रिक वैलंस ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि ये ट्रायल सक्सेसफुल होगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो ये हैरानी की बात होगी।