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21 जून 2020 में खत्म हो जाएगी दुनिया! गलत हुई इस भविष्यवाणी के बाद अब एक्सपर्ट्स ने ऐलान की तबाही की नई तारीख
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साल 2020 में दुनिया ख़त्म होने की बात कई बार सामने आई। जब कभी अंतरिक्ष से कोई उल्कापिंड पृथ्वी के नजदीक से गुजरने वाला था, तब-तब पृथ्वी के खत्म होने की अफवाह उड़ी। हालांकि, अभी तक ये सारी अफवाहें गलत ही साबित हुई है।
2020 में माया कैलेंडर का हवाला देकर कहा गया कि 21 जून को दुनिया खत्म हो जाएगी। कई डरावने तर्क भी इसे सही साबित करने के लिए दिए गए। आखिरकार 21 जून आया और चला गया लेकिन दुनिया खत्म नहीं हुई। लेकिन अब एक्सपर्ट्स ने दुनिया खत्म होने की नई तारीख का ऐलान कर दिया है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, 2050 तक धरती के अस्तित्व के खत्म होने की संभावना है। ये साल वैज्ञानिकों ने कई शोध करने के बाद चुना है। साथ ही कई पहलुओं को भी ध्यान में रखा गया है। इसे अब तक का सबसे गंभीर शोध बताया जा रहा है।
रिसर्च की गई है ऑस्ट्रेलिया के थिंक टैंक नेशनल सेंटर फॉर क्लाइमेट रिस्टोरेशन की तरफ से। उन्होंने रिसर्च में कहा कि मानव सभ्यता तीन दशक से ज्यादा नहीं बच पाएगी। इसके पीछे उन्होंने क्लाइमेट चेंज को वजह बताया।
रिसर्च के मुताबिक साल 2050 तक दुनिया का औसत तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। इससे मानव जीवन के विलुप्त होने के आसार बढ़ जाएंगे। जलवायु परिवर्तन के कारण मानव जीवन पर 2050 तक संकट छा जाएगा।
रिसर्च में कहा गया 2050 तक कृषि उत्पाद के पांचवे हिस्से में कटौती होगी। साथ ही अमेजन ईकोसिस्टम नष्ट हो चुका होगा और सी लेवल 0.5 मीटर तक बढ़ जाएगा। एशिया की सभी महान नदियों का पानी अधिक मात्रा में सूख जाएगा और पृथ्वी का एक तिहाई हिस्सा रेगिस्तान में तबदील हो सकता है।
आपको बता दें कि फादर ऑफ मॉडर्न साइंस न्यूटन ने भी अपनी मौत से पहले लिखे एक नोट में साफ़ लिखा था कि 2060 तक दुनिया खत्म हो जाएगी। उन्होंने इस लेटर में लिखा था कि अगर इंसान को लगता है कि वो हमेशा जिंदा रहेगा तो वो गलत है। उन्होंने 2060 को दुनिया खत्म होने की बात कही है।
प्रसिद्द वैज्ञानिक स्टीफन विलियम हॉकिंग ने भी दुनिया के अंत की भविष्याणि की थी। उन्होंने कहा था कि 600 साल के अंदर पृथ्वी आग के गोले में बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि जनसँख्या इतनी बढ़ जाएगी कि धरती गर्म हो जाएगी। साथ ही पृथ्वी पर एसिड रेन भी होगी, जिससे लोग मारे जाएंगे।