पैदा होते ही मां बाप ने फेंक दिया था कचरे के डिब्बे में, आज है अरबों का मालिक
फ्लोरिडा: दुनिया में ऐसे कई मामले सामने आते हैं जहां बच्चों को माता-पिता अकेला छोड़ देते हैं। कुछ मज़बूरी के कारण ऐसा करते हैं, तो कुछ किसी और हालात में। फ्लोरिडा में 1989 में एक महिला ने कचरे के डिब्बे से एक बच्चे की रोने की आवाज सुन पुलिस को कॉल किया। जब बच्चे को हॉस्पिटल ले जाया गया, तो पता चला कि उसकी बॉडी में अंदरूनी चोटें भी हैं। इलाज के बाद उसे फॉस्टर केयर ले जाया गया, जहां उसे एक कपल ने गोद ले लिया। आज ये बच्चा अरबों की कंपनी का मालिक है। आइए जानते हैं इस शख्स की इंस्पिरेशनल स्टोरी...
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फ्रेड्डी फिग्गर्स आज अमेरिका के टेलीकम्युनिकेशन कंपनी में जाना पहचाना नाम हैं। उनकी कंपनी फिग्गर्स वायरलेस आज अमेरिका में काफी मशहूर है। उनकी कंपनी की मार्केट वैल्यू 4 अरब 39 करोड़ रुपए है।
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बचपन में फ्रेड्डी के दोस्त उसे कचरे से उठाया बोलकर चिढ़ाते थे। इसके बाद फ्रेड्डी को गोद लेने वाले पेरेंट्स ने उन्हें असलियत बता दी। इसके बाद फ्रेड्डी काफी उदास रहने लगे। लेकिन थोड़े समय बाद उन्होंने खुद को संभाल लिया।
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पैदा होते ही उनके पेरेंट्स ने उन्हें कचरे के डिब्बे में फेंक दिया था। इसके बाद उन्हें अनाथाश्रम से नैथन और बेट्टी फिग्गर्स ने गोद लिया था। उन्होंने फ्रेड्डी को काफी प्यार दिया।
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9 साल की उम्र में फ्रेड्डी के पिता ने उनके लिए एक पुराना कंप्यूटर खरीद दिया। इसके बाद से फ्रेड्डी का तकनीक में इंट्रेस्ट जाग गया।
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13 साल की उम्र में फ्रेड्डी कंप्यूटर रिपेयर करने में एक्सपर्ट हो गए थे। इसलिए 15 की उम्र में उन्होंने अपने पेरेंट्स के घर पर ही अपनी कंपनी खोली।
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थोड़े समय के बाद फ्रेड्डी ने जीपीएस ट्रैकर बनाया। दरअसल, फ्रेड्डी के पिता कभी भी बाहर निकल जाते थे। उनकी जानकारी के लिए फ्रेड्डी ने इस ट्रैकर को बनाया था। बाद में एक दूसरी कंपनी ने फ्रेड्डी से ये ट्रैकर 22 लाख रुपए में खरीद लिया था।
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अपनी कंपनी के अलावा उन्होंने एक चैरिटी आर्गेनाईजेशन भी शुरू की। इसका नाम उन्होंने फिग्गर्स फाउंडेशन रखा है। इतनी कम उम्र में आज फ्रेड्डी ने सफलता के जो आयाम पाए हैं, वो वाकई तारीफ के काबिल है।
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