भाप से दौड़ने वाली दुनिया की पहली मेट्रो से लेकर बिना ड्राइवर वाली ट्रेन की दास्तां
दुनिया में मेट्रो के सफर की कहानी 1863 में लंदन से शुरू हुई थी। अब 28 दिसंबर, 2020 को भारत में पहली ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन दौड़ पड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। दुनिया के कई शहरों में मेट्रो दौड़ रही हैं। लेकिन इसकी शुरुआत लंदन से हुई, इसलिए वहां की मेट्रो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। आइए जानते हैं दुनियाभर में मेट्रो की कहानी...
| Published : Dec 28 2020, 05:25 PM IST
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पहले जानते हैं भारत में ड्राइवरलेस मेट्रो के बारे में। 28 दिसंबर को दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन(जनकपुरी पश्चिम-बोटेनिकल गार्डन) तक भारत की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो की शुरुआत हुई। वहीं पिंक लाइन पर 2021 के मध्य तक ऐसी ही सर्विस शुरू होने की संभावना है। आगे जानते हैं लंदन मेट्रो की कहानी...
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लंदन में 1885 में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए अंडरग्राउंड मेट्रो की योजना पर विचार-विमर्श शुरू हुआ। इसके बाद 1863 में यहां दुनिया की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो दौड़ी। पहली मेट्रो भाप से चलती थी। हालांकि 1905 में यह बिजली से चलने लगी। पहले ही दिन मेट्रो में 40000 यात्रियों ने सफर किया था।
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लन्दन मेट्रो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मेट्रो सेवा है। इसकी कुल लंबाई 402 kM है
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दुनिया की सबसे लम्बी मेट्रो रेल सेवा शंघाई मेट्रो (चीन) रेल को माना जाता है। इसकी लंबाई 434 km है।
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अमेरिका में दुनिया की सबसे ज्यादा मेट्रो लाइन हैं। यहां 32 शहरों में 24 मेट्रो ट्रेन हैं। अमेरिका के न्यूयार्क सिटी मेट्रो लाइन में सबसे ज्यादा स्टेशन 422 हैं।
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भारत में पहली मेट्रो 1984
-दमदम से टाली गंज (कोलकाता) के बीच चली
इसकी कुल लम्बाई 16.45km है
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दिल्ली में मेट्रो रेल की शुरुआत 24 दिसंबर 2002 को शाहदरा-तीस हजारी के बीच हुई।
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दिल्ली में ड्राइवरलेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाते समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2025 तक 25 शहरों में मेट्रो चलाने का लक्ष्य है।