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नागपुर में रहते हैं नए अमेरिकी राष्ट्रपति के 5 रिश्तेदार, 48 साल से दीदी-जीजा से मिलने को तड़प रहे हैं बाइडेन
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अमेरिका के नए राष्ट्रपति ने कई मौकों पर भारत के लिए अपने जुड़ाव का जिक्र किया है। खासकर उनका मुंबई से प्रेम जगजाहिर है। एक बार तो उन्होंने बाकायदा मुंबई से चुनाव लड़ने की बात भी कह डाली थी। तब बाइडेन ने कहा था कि उनका एक रिश्तेदार मुंबई में रहता है। इस वजह से वो मुंबई से चुनाव लड़ सकते हैं।
बाइडेन के मुंबई वाले इस रिश्तेदार की स्टोरी भी काफी दिलचस्प है। दरअसल, इस रिश्तेदार के बारे में बाइडेन को आज से 48 साल पहले पता चला था। बात 1972 की है, जब दुनिया में मोबाइल फ़ोन का चलन नहीं था। तब उन्हें भारत से अमेरिका एक चिट्ठी मिली थी। ये चिट्ठी उनके इसी रिश्तेदार की थी।
1972 में बाइडेन को सीनेटर के रूप में चुना गया था। इसके बाद उनके पास कई बधाई सन्देश आए। इसमें से एक लेटर भारत के मुंबई से था। इसमें उन्हें बधाई देने के साथ ही लिखा था- बाइडेन फ्रॉम इंडिया। चिट्ठी लिखने वाले ने खुद को बाइडेन का रिश्तेदार लिखा था।
उस वक्त 29 साल के बाइडेन उस लेटर को पढ़कर भावुक हो गए थे। उन्होंने कई बार अपने मुंबई के इस रिश्तेदार से मिलने की कोशिश की। लेकिन नाकामयाब रहे। इसके बाद बाइडेन अपने पोलिटिकल लाइफ में बिजी हो गए।
हालांकि, वो अपने इस रिश्तेदार को भूले नहीं। 2013 में बाइडेन भारत दौरे पर। तब मुम्बई आने के बाद उन्होंने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में स्पीच दी थी। उसमें उन्होंने इस रिश्तेदार का जिक्र किया था।
उन्होंने कहा था कि हो सकता है ये उनका कोई ऐसा रिश्तेदार हो जो 1848 ईस्ट इंडिया कंपनी के जरिये भारत आया हो। हो सकता है ये लोग उनके पूर्वज हों। जो भारत आने के बाद यहीं बस गए हों।
बाइडेन को अपने इस रिश्तेदार की चिट्ठी का जवाब ना दे पाने का काफी मलाल है। उन्होंने कई बार इस रिश्तेदार से मिलने की ख्वाहिश जताई है। साथ ही एक बारे उन्होने मजाकिया लहजे में ही कह डाला था कि अगर उनके पूर्वज भारत में हैं, तो वो मुंबई से चुनाव लड़ सकते हैं।
आपको अब इस रिश्तेदार के बारे में बताते हैं। ये हैं सोनिया बाइडेन फ्रांसिस। जब बाइडेन ने चुनाव जीता उसके बाद ही ये परिवार चर्चा में आ गया। सोनिया का कहना है कि बाइडेन रिश्ते में उनके भाई लगते हैं। वो नागपुर में आकर बसी लेस्ली बाइडेन द्वारा नए राष्ट्रपति से जुडी हैं।
लेस्ली बाइडेन ने 1923 में भारत में बस गई थी। इसके बाद 1970 से 80 के दशक में अखबार में जब उन्होने जो बाइडेन को देखा फिर उन्होंने अमेरिका में खत लिखा था। लेस्ली की ये चिट्ठी अब भी बाइडेन के पास है। हालांकि, 1983 में लेस्ली की मौत हो गई, जिसके बाद उनके पति ने बाइडेन से संपर्क नहीं किया।
हालांकि, लेस्ली की फैमिली अब भी नागपुर और मुंबई में रह रही है। इन्हें उम्मीद है कि राष्ट्रपति बनने के बाद अब अगर कभी बाइडेन भारत आएंगे तो उनसे जरूर मिलेंगे। हालांकि, तब तक ये लोग गुमनामी में रहना पसंद करेंगे। ( परिवार का इंटरव्यू टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा लिया गया था)