अगलगी की इन 10 घटनाओं से सिहर गया था देश, भयानक लपटों में जलकर राख हो गए थे लोग
| Published : Dec 08 2019, 10:49 AM IST / Updated: Dec 08 2019, 04:27 PM IST
अगलगी की इन 10 घटनाओं से सिहर गया था देश, भयानक लपटों में जलकर राख हो गए थे लोग
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दिसंबर 1995, हरियाणा: इस हादसे को भारत के सबसे भीषण अगलगी में गिना जाता है। हरियाणा के मंडी डबवली में एक जेनरेटर में शॉर्ट सर्किट से आग लगने और फिर मची भगदड़ में 540 लोगों की मौत हो गई थी।
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सितंबर 2012, तमिलनाडु: सिवकासी के मुदलीपट्टी में एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से तबाही मच गई थी। इस हादसे में 54 लोगों की जान चली गई थी जबकि 78 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
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फरवरी 2013, कोलकाता: कोलकाता की मल्टी स्टोरी मार्केट में आग लगने से 19 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में एक दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जल गए थे।
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फरवरी 1997, ओडिशा: बारीपाड़ा में एक धार्मिक अनुष्ठान के दौरान लगी आग में 206 लोग मारे गए थे। साथ ही 148 लोग घायल हो गए थे।
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जुलाई 2004, तमिलनाडु: थंजावुर जिले के कुम्बकोनम में एक स्कूल में अलगी भीषण आग में 94 मासूम बच्चे जल कर बेमौत मारे गए थे। इस घटना को तमिलनाडु के इतिहास में सबसे भीषण दुर्घटना में गिना जाता है।
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जून 2002, आगरा: आगरा के श्री ली इंटरनेशनल फुटवियर फैक्ट्री में आग लगने से 42 लोगों की मौत हो गई थी।
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जून 1997, नई दिल्ली: ग्रीन पार्क के उपहार सिनेमा में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी। आग तब लगी थी, जब सभी बैठकर सिनेमा देख रहे थे। इस हादसे में 103 लोग बुरी तरह झुलस गए थे।
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दिसंबर 2011, कोलकाता: AMRI हॉस्पिटल में आग लगने और कार्बन मोनोऑक्साइड के फैलने से करीब 89 लोगों की मौत हो गई थी। सभी लाशें हॉस्पिटल के परिसर में फैली थी।
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सितंबर 2005, बिहार: बिहार के खुसरोपुर गांव में चल रहे तीन इलीगल पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 35 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही 50 लोग घायल हो गए थे।
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अप्रैल 2006, मेरठ: यूपी के मेरठ विक्टोरिया पार्क में चल रहे ब्रांड इंडिया फेयर में लगी आग ने सौ से अधिक लोगों की जान ले ली थी।