मार्केट में आई एक ऐसी किट, जो डीजल वाले ऑटो रिक्शा को इलेक्ट्रिक में बदल देगी
एक आइडिया अपनी और दूसरों की जिंदगी बदल देता है। हैदरबाद बेस्ड एक स्टार्टअप रेसएनर्जी (RACEnergy) ने एक ऐसी किट बनाई है, जो डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा को ई-रिक्शा (इलेक्ट्रिक व्हीकल) में बदल देगा। यह किट बैटरी स्वैपिंग मॉडल पर काम करेगी। आपको बता दें कि पॉल्यूशन पर कंट्रोल करने देश से धीरे-धीरे डीजल वाहन हटाए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ई-रिक्शा को प्रमोट कर रही है। पिछले दिनों केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ई-रिक्शा को बढ़ावा देने कई घोषणाएं की थीं। इसमें बैटरी स्वैपिंग की सुविधा भी थी। यानी देशभर में धीरे-धीरे पेट्रोल पंप पर बैटरी चार्ज करने की सुविधा मिलने जा रही है। पंजाब में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने इसकी शुरुआत कर दी है। इसमें बैटरी सिर्फ 2 मिनट में चार्ज होगी। रेसएनर्जी के को-फाउंडर अरुण श्रेयास रेड्डी और गौतम माहेश्वरी की किट डीजल से चलने वाले ऑटो को ई-रिक्शा में बदल देगी। यानी इन्हें आपको कबाड़ में फेंकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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(RACEnergy के को-फाउंडर अरुण श्रेयास रेड्डी और गौतम माहेश्वरी)
रेसएनर्जी को इस किट को आविष्कार को तैयार करने में 2 साल लगे। इस दौरान इसका अच्छे से परीक्षण किया गया, ताकि बाद में कोई दिक्कत नहीं आए। अरुण और गौतम बताते हैं कि उन्होंने हैदराबाद में करीब 2000 ऑटो रिक्शा ड्राइवरों का फीडबैक लिया। इसके बाद इस किट के प्रोडक्ट पर काम शुरू किया।
साभार:thebetterindia.com
आपको बता दें कि इस किट की कीमत करीब 50000 रुपए है। यह डीजल ऑटो रिक्शा को ई-रिक्शा में बदलने के लिए सस्ती है। क्योंकि आमतौर पर एक ई-रिक्शा की कीमत 2 से 2.5 लाख रुपए तक होती है। ऐसे में 12-15 महीने में ही एक ऑटो वाला इस किट की लागत निकाल लेगा।
रेसएनर्जी ने हैदराबाद में एक बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित किया है। अगले 2-3 महीने में ऐसे 5 और स्टेशन खोले जाने की उम्मीद है। इस किट के लिए स्टार्टअप को 300 प्री-ऑर्डर मिले थे। इनमें से 10 डीजल ऑटो रिक्शा को ई-रिक्शा में बदला जा चुका है।
बता दें कि एक ड्राइवर औसतन रोज 10-12 घंटे ऑटो चलाता है। पहले लिथियम ऑयन बैटरी से ऑटो रिक्शा चलते रहे हैं। इन्हें चार्ज करने में घंटों लगते हैं। इलेक्ट्रिक बैटरी सिर्फ 2 मिनट में चार्ज हो जाएगी। बहरहाल, यह किट डीजल ऑटो रिक्शा वालों के लिए अच्छी खबर है।
रेसएनर्जी के को-फाउंडर (RACEnergy के को-फाउंडर अरुण श्रेयास रेड्डी और गौतम माहेश्वरी कहते हैं कि उनकी किट डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा के मालिकों की समस्या दूर कर देगा।