लाल को मारने के लिए वैज्ञानिकों ने बनाया हरा कोरोना, बॉडी को धोखा देकर मार गिराएगा वायरस
हटके डेस्क: साल 2021 का लोगों ने बड़ी उम्मीदों से स्वागत किया है। पिछले साल दुनिया को कोरोना ने तबाह कर दिया। इस वायरस ने कई लोगों की जान ले ली। साथ ही दुनिया को एक तरह से जंजीरों में ही बांध दिया। इस वायरस के इलाज को ढूंढने में पिछले साल से ही कई वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। नए साल के आगाज से पहले दुनिया के कुछ देशों में इसकी वैक्सीन लगनी शुरू भी हो गई। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि 2021 में कोरोना से छुटकारा मिल जाएगा। इस बीच वैज्ञानिकों ने कोरोना को काटने के लिए हूबहू कोरोना जैसा ही एक प्रोटीन बनाया है। ये हरा कोरोना वायरस को फ़ैलाने की जगह उसे मार गिराएगा। इस प्रोटीन की तस्वीरों ने लोगों की उम्मीदें बढ़ा दी है।
- FB
- TW
- Linkdin
साल 2020 में लाल कोरोना की तस्वीरों ने आतंक मचा कर रख दिया। इस वायरस ने लोगों को परेशान कर दिया। लॉकडाउन से लेकर असमय ही लाखों लोगों की मौत ने दुनिया को त्रस्त कर दिया। ऐसे में सभी 2020 के बीतने का इन्तजार और 2021 के आगाज का वेट ही कर रहे थे।
2021 ने आते ही लोगों की उम्मीदों को हवा दे दी है। वैज्ञानिकों ने लाल कोरोना को मारने के लिए हरे रंग के कोरोना जैसे दिखने वाले प्रोटीन का निर्माण किया बिल्कुल है। ये प्रोटीन बिलकुल कोरोना जैसा ही नजर आता है। सिर्फ इसका रंग हरा है।
इसके चारों तरफ हरे रंग के स्पाइक्स हैं। लेकिन ये कोरोना से ठीक उलट काम करता है। ये कोरोना फ़ैलाने की जगह उसे मारने लगता है। वैज्ञानिकों ने इसे कोरोना के काट के रूप में बनाया है।
इसे कोरोना के VLP यानी की वायरस लाइक पार्टिकल नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जैसे दुश्मन को मारने के लिए उसके वेश में घुस कर हमला करना सेफ होता है, वैसे ही ये प्रोटीन काम करेगा।
चूंकि ये कोरोना जैसा दिखाई देता है, इसलिए ये बॉडी में जैसे ही जाएगा बॉडी कन्फ्यूज हो जाएगी। बॉडी इसे कोरोना समझ इसे मारने के लिए एंटीबाडी बनाने लगेगी। इससे वायरस से लड़ने के लिए एंटीबाडी अपने आप शरीर में बन जाएगा।
ये प्रोटीन अन्य किसी कोरोना वैक्सीन से ज्यादा सुरक्षित है। जहां अन्य वैक्सीन से बॉडी में किसी नेगेटिव असर की भी उम्मीद है, वहीँ ये प्रोटीन बिलकुल सुरक्षित है।
दुनिया में 2020 के अंत तक कई देशों में कोरोना वैक्सीन पड़ने शुरू हो गए हैं। कई देश अपनी तकनीक से वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। इसमें कनाडा ने मात्र 20 दिन में पौधों के प्रोटीन से एक ऐसा वैक्सीन बनाया है जो बिलकुल सुरक्षित है।
भारत में भी हैदराबाद के जीनोम वैली में स्थित एक फार्मा कंपनी ने भी VLP पर आधारित कोरोना वैक्सीन बनाया है, जिसका ट्रायल चल रहा है। अगर ये कामयाब रहा तो भारत भी अपनी वैक्सीन बनाने में सफल रहेगा।