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रंगीन सपने ले बिहार से निकलते हैं मजदूर, मात्र 75 रुपए के लिए पूरे दिन जानवरों की तरह करते हैं काम
| Published : Dec 08 2019, 01:28 PM IST / Updated: Dec 08 2019, 07:05 PM IST
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उत्तर प्रदेश के खद्दर में रिसाइक्लिंग फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को पूरे दिन काम करने के बदले मात्र 75 रुपए दिहाड़ी मिलती है।
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नोएडा के गैस पाइपलाइन के कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करने वाले मजदूरों को काफी मुश्किल जिंदगी जीनी पड़ती है।
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कई लोग अपना घर छोड़कर दूसरी जगह काम की तलाश में पहुँचते हैं लेकिन बेरोजगारी के शिकार होकर चंद सिक्कों के लिए जानवर चराने तक का काम करने को तैयार हो जाते हैं।
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बिहार से मुंबई पहुंचे कई लोग धोबी घाट में कपड़े धोकर अपने परिवार को पालते हैं।
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चमड़े की फैक्ट्रीज में भी बिहार से पहुंचे कई वर्कर्स काम करते हैं। चूंकि उनके पास कोई डिग्री नहीं होती, ऐसे में कुछ हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद उनसे काम करवाया जाता है। जिसके बदले में उन्हें काफी कम पेमेंट दी जाती है।
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अहमदाबाद में कई महिलाएं भी पापड़, मिर्ची और अचार बनाने की फैक्ट्रीज में काम करती हैं।
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वॉटर चेस्ट्नट, जिसे सिंघाड़ा भी कहते हैं, उसे पानी से निकालने वाले मजदूर घंटों पानी में काम करने के बावजूद बेहद कम मेहनताना पाते हैं। (तस्वीरों का इस्तेमाल कहानी को सरलता से कहने के लिए प्रतीकात्मक तौर पर इस्तेमाल किया गया है )