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कोरोना से हुई मौत तो घरवालों ने करवाया था अंतिम संस्कार, 1 महीने बाद शमशान घाट से जिंदा लौट आई महिला!
हटके डेस्क: कोरोना वायरस के कारण दुनिया के कई देश शमशान घाट में बदल गए हैं। अभी तक इस वायरस ने कुल 36 लाख 46 हजार से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। वहीं मौत का आंकड़ा ढाई लाख को पार कर चुका है। ऐसे कई देश हैं, जहां कब्रिस्तानों में लाशों के लिए जगह कम पड़ गई। वहीं कुछ देशों में तो नए कब्रिस्तान बनाने की नौबत आ गई। अस्पतालों में लाशों को स्टोर करने के लिए जगह नहीं है। मौत का आंकड़ा इतना ज्यादा ज्यादा है कि कई बार डॉक्टर्स से लाशों की पहचान को लेकर गलती हो जा रही है। हाल ही में साउथ अमेरिका के इक्वाडोर में एक परिवार ने अपने घर के एक सदस्य की कोरोना से मौत के बाद अंतिम संस्कार से जुडी सारी रस्में कर दी। लेकिन एक महीने बाद वो महिला जिन्दा लौट आई। जी हां, मौत के बाद जिंदगी की ये अजीबोगरीब कहानी लोगों को हैरान कर रही है...
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ये चौंकाने वाला मामला इक्वाडोर से सामने आया है। यहां एक महिला की कोरोना से मौत हो गई थी। उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। लेकिन महीने भर बाद वो जिंदा लौट आई।
महिला की पहचान 74 साल की अल्बा मरुरी के रूप में हुई। वो जिन्दा है घरवालों का कहना है कि अस्पताल ने लापरवाही करते हुए उसे मृत घोषित कर दिया।
मामला 27 मार्च का है, जिस दिन अल्बा को मृत घोषित किया गया था। अस्पताल वालों ने अल्बा के परिजनों को मौत की जानकारी दी, लेकिन वायरस के डर से कोई अल्बा के नजदीक नहीं गया था।
इसके बाद अस्पताल ने अल्बा का अंतिम संस्कार कर उसकी अस्थियां परिवार वालों को सौंप दी। जिसे दुखी मन से सबने सारे रिवाजों के साथ विसर्जित किया।
लेकिन एक महीने के बाद अस्पताल से जानकारी मिली कि अल्बा जिंदा है। वो बिलकुल ठीक है। ये सुनकर परिजनों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा।
दरअसल, अस्पताल ने गलत महिला को अल्बा समझकर उसकी अस्थियां परिजनों को सौंप दी थी। अल्बा के जिन्दा होने की बात सुन परिजन काफी खुश हैं।
लॉकडाउन की वजह से अभी घरवाले अल्बा से मिलने अस्पताल नहीं जा पा रहे हैं लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि वो कोरोना से रिकवर कर रही है।
लेकिन परिजनों ने अस्पताल से हर्जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गलत महिला की अस्थियां उन्हें भेज दी गई। उसके अंतिम संस्कार के रिवाजों में लगे पैसे उन्हें अस्पताल से वापस चाहिए।
उन्होंने मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग में की, जहां मामले की जांच की जा रही है। हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि अगर इसमें अस्पताल दोषी पाया जाता है, तो वो हर्जाने की रकम अदा करने के लिए तैयार रहे।