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जब एक पीएम को उनके ही 2 बॉडीगार्ड ने गोलियों से भूना था, इतना फायर किया था कि पूरा शरीर हो गया था छलनी
स्वर्ण मंदिर में छुपे खालिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराने चलाए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार(1 से 8 जून, 1984) से आक्रोशित होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गोलियां मारकर हत्या करने वाले आरोपी सतवंत सिंह और केहर सिंह को 6 जनवरी, 1989 को दिल्ली की तिहाड़ जेल मे फांसी दी गई थी। जबकि एक अन्य आरोपी बेअंत सिंह को घटना के समय ही मार गिराया गया था। बता दें कि इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर, 1984 को प्रधानमंत्री के आवास नई दिल्ली के सफदरगंज रोड पर कर दी गई थी। आरोपी उनके अंगरक्षक थे। ऑपरेशन ब्लू स्टार अमृतसर के हरमंदिर साहिब(स्वर्ण मंदिर) परिसर में छुपे सिख उग्रवादी जरनैल भिंडरावाले और उसके सशस्त्र अनुयायियों को बाहर निकालने चलाया गया था। आगे पढ़ें कहानी...
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ऑपरशेन ब्लू स्टार में कई आम नागरिकों की भी मौत हुई थी। भारतीय सैनिकों के इस अभियान से सिख धर्म के प्रमुख तख्त अकाल तख्त को भी नुकसान पहुंचा था। पवित्र मंदिर पर सैन्य कार्रवाई की सिख समुदाय ने आलोचना की थी। हत्यारे इसी बात से नाराज थे।
(तस्वीर-इंदिरा गांधी के हत्यारे, सतवंत सिंह, बेअंत सिंह और नीचे केहर सिंह)
ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद इंदिरा गांधी की हत्या की आशंका बढ़ गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए उनके निजी अंगरक्षकों को हटा दिया गया था। चूंकि इंदिरा गांधी को लगा था कि ऐसा करने से सिखों में उनकी छवि और खराब होगी, लिहाजा बेअंत सिंह सहित बाकी सिख अंगरक्षकों को फिर से रख लिया गया था।
(जिस जगह इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी, उस जगह को क्रिस्टल से चिह्नित किया गया है)
बता दें कि इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को हुआ था। वे 1966 से 1977 तक लगातार तीन बार प्रधानमंत्री रहीं। चौथी पारी 1980 से लेकर 1984 तक खेली। हालांकि इसी बीच उनकी हत्या कर दी गई थी।
(यह तस्वीर नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी मेमोरियल की है। यहां इंदिरा गांधी के खून से रंगे कपड़े, सैंडल आदि रखे हुए हैं।)
जिस दिन इंदिरा गांधी की हत्या हुई, उस दिन बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ पूजा का अंतिम दिन था। इंदिरा गांधी सुबह एक आयरिश डॉक्यूमेंट्री मेकर पीटर उस्तीनोव को इंटरव्यू देने तैयार हो रही थीं। तभी दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी विंग के कांस्टेबल बेअंत सिंह ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से उन पर गोलियां दाग दीं। इसके बाद बेअंत ने अपने साथी सुरक्षाकर्मी सतवंत से चिल्लाकर कहा कि देख क्या रहे हो, गोली चलाओ?
सतवंत ने अपनी ऑटोमेटिक कार्बाइन से जमीन पर पड़ीं इंदिरा गांधी पर ताबड़तोड़ फायर कर दिए। जब एक सब इंस्पेक्टर रामेश्वर दयाल इंदिरा गांधी को बचाने दौड़ा, तो सतवंत ने उन्हें भी मार दिया। हालांकि बेअंत सिंह तभी मारा गया।
(ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद स्वर्ण मंदिर के दौरे पर इंदिरा गांधी)