सबसे बड़ा रुपैया : ये हैं WORLD की 'रईस-11' टीम...आधी दुनिया खरीद सकते हैं
कहते हैं कि पैसा हाथों का मैल होता है! पैसा किसके पास टिकेगा और नहीं...यह कोई नहीं जानता। लेकिन पैसों के बारे में एक कहावत भी है कि लक्ष्मी-लक्ष्मी को खींचती है। ये हैं दुनिया के 11 सबसे बड़े रईस। पैसा इतना कि आधी दुनिया को खरीदकर अपनी जेब में रख सकते हैं। लेकिन अमीरों की लिस्ट में भी आना-जाना लगा रहता है। अब चीन के झोंग शानशान को ही देखिए! बोतलबंद पानी बेच-बेचकर साब दुनिया की रईस-11 में शामिल हो गए हैं। यह और बात है कि इन्होंने भारत के मुकेश अंबानी को रिप्लेस किया है। आइए पढ़ते हैं रइसों की कहानी...
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चीन में बोतलबंद पानी का बिजनेस करने वाले झोंग शानशाह एशिया के नंबर-1 रईस हो गए हैं। दुनिया की टीम में वे 11वें नंबर पर हैं। झोंग ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी को रिप्लेस किया है। आइए 11वें रईस से शुरू करते हैं कैप्टन यानी दुनिया के 1 नंबर रईस तक की कहानी...
आपदा में फायदा वाली कहावत झोंग पर सटीक बैठती है। वे बोतलबंद पानी बनाने वाली कंपनी नोंगफू स्प्रिंग और कोरोना वैक्सीन में जुटी वेन्टाई बायोलॉजिकल एंटरप्राइज कंपनी से जुड़े हैं। कोरोना वैक्सीन के चलते वेन्टाई के शेयर 2000% से ज्यादा उछल गए। बता दें कि झोंग पत्रकारिता, मशरूम की खेती और स्वास्थ्य सेवा जैसे करियर में अपना हुनर दिखा चुके हैं।
लैरी एलिसन को कोई मार्केटिंग एक्सपर्ट कहता है, तो कोई उन्हें स्ट्रांग बिजनेसमैन मानता है। लैरी ने चार शादियां कीं। उन्हें एक प्लेबॉय के रूप में भी देखा जाता है।
सर्जे ब्रिन ने अपने साथी लैरी पेज के साथ मिलकर गूगल इंक की नींव डाली थी। 1979 में जब ये 6 वर्ष के थे, तब इनके परिवार को अमेरिका बसना पड़ा था। सर्जे पहले खगोल वैज्ञानिक बनना चाहते थे, लेकिन यह सपना अधूरा रह गया। चूंकि वे यहूदी थे, इसलिए कम्यूनिस्ट पार्टी ने उन्हें प्रताड़ित किया। तब वे रूस में रहते थे।
स्टीव बिल्मर 2000 से 2014 तक माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ रहे। तब कंपनी अपने खराब दौर से गुजर रही थी। और यही कंपनी का सबसे खराब दौर रहा। ये बिल गेट्स के रूम पार्टनर रहे हैं। इन्होंने कुछ सालों तक प्रॉक्टर एंड गैंबल कंपनी में असिस्टेंट प्रोडक्शन के रूप में भी काम किया।
लैरी पेज पेज का जन्म ईस्ट लैंसिंग, मिशिगन अमेरिका में 26 मार्च 1973 को एक यहूदी परिवार में हुआ था। 6 साल की उम्र में इन्होंने कम्प्यूटर में रुचि लेना शुरू किया था। 1998 में पेज और इनके सहपाठी ब्रिन ने Google.inc की स्थापना की थी। शुरुआत में इन्होंने रिश्तेदारों से दस लाख डॉलर उधार तक लिए थे।
दुनिया के बड़े से बड़े धुरंधर निवेशक वॉरेन बफे के आगे झुकते हैं। इन्होंने अपना पहला शेयर 11 साल की उम्र में खरीदा था। यही नहीं, 13 साल की उम्र से टैक्स भरते आ रहे हैं। बफेट ने अपनी 99 परसेंट संपत्ति को दान करने का ऐलान किया है। अब तक वो 41 बिलियन डॉलर दान कर चुके हैं।
2007 में जब मार्क जकरबर्ग 23 साल के थे, तब वे फेसबुक की जबर्दस्त सफलता से अरबपति बन गए थे। वे 12 साल की उम्र से कम्प्यूटर चला रहे थे। 17 साल की उम्र में जकरबर्ग ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सिनेप्स मीडिया प्लेयर बनाया था। 2004 में दोस्तों के साथ मिलकर फेसबुक बनाया था।
बर्नार्ड अर्नोल्ट लग्जरी गुड्स कंपनी एलवीएमएच के चेयरमैन और सीईओ हैं। इन्होंने 1984 में लग्जरी गुड्स मार्केट में कदम रखा था। इनके आर्ट कलेक्शन में पिकासो और वारहोल की पेंटिंग्स शामिल हैं।
बिल गेट्स का पूरा नाम विलियम हेनरी गेट्स है। एक साधारण परिवार में जन्मे बिल ने 1975 में माइक्रोसॉफ्ट की नींव डाली थी। बिल गेट्स पर्सनल कम्प्यूटर क्रांति के जनक माने जाते हैं। यानी उन्होंने घर-घर कम्प्यूटर पहुंचा दिया।
इलॉन मस्क की रॉकेट कंपनी ने 4 एस्ट्रोनॉट्स का अंतरिक्ष भेजा था। एक समय था, जब वे अपनी कंपनी टेस्ला को एपल को बेचना चाहते थे। कुछ समय पहले वे कोरोना का शिकार हो गए थे।
जेफ बेजोस ने 1994 मे अमेजन की शुरुआत की थी। उससे पहले वे पुरानी किताबें बेचते थे। 1995 में उन्होंने एक वेबसाइट बनाई। एक रिपोर्ट के अनुसार, 1997 यानी 2 साल में इनकी कंपनी का 150 देशों में विस्तार हो चुका था। ग्राहक थे 15 लाख।